1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

चीन में टीवी का मजा बिना किसी ब्रेक के

२९ नवम्बर २०११

दम साध कर टीवी पर किसी नाटक का मजा ले रहे हैं, अचानक शो की तस्वीर फ्रीज होती है और पीछे से आवाज आती है, बाकी का हिस्सा ब्रेक के बाद, देखते रहिए... जाहिर है मजे में खलल पड़ता है. 2012 से ऐसा नहीं होगा. यह चीन है.

https://p.dw.com/p/13Imf
तस्वीर: DW

चीन में प्रसारण की नियामक संस्था द स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ रेडियो, फिल्म एंड टेलीविजन यानी सार्फ्ट ने सोमवार को एलान किया कि अगले साल से टेलीविजन पर नाटकों के प्रसारण के दौरान कोई विज्ञापन नहीं दिखाया जा सकेगा. इस एलान के पीछे सार्फ्ट का कहना है कि ऐसा "लोगों को लगातार टीवी देखने का मजा मिले यह तय करने के लिए किया जा रहा है."

Ein 405 Meter hoher Fernsehturm im Zentrum Pekings
तस्वीर: Xiao Xu

मीडिया पर निगरानी रखने वाली इस एजेंसी ने पिछले कुछ महीनों में टीवी के दर्शकों को लुभाने के लिए इस तरह के कई फैसले किये हैं. सार्फ्ट अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर उन लोगों को वापस टीवी की तरफ खींचने का प्रयास किया है जो किसी न किसी ऐसी ही वजहों से इंटरनेट की तरफ मुड़ गए हैं. चीन में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या फिलहाल दुनिया में सबसे ज्यादा है. यहां करीब 50 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. देश के कम्युनिस्ट शासन के लिए लोगों की मीडिया आदतों पर अंकुश लगा पाना इंटरनेट की वजह से मुश्किल होता जा रहा है.

हाल ही में एक अखबार ने यह खबर छापी थी कि जून में कार्यभार संभालने वाले सार्फ्ट के नए निदेशक काइ फुचाओ की प्राथमिकताओं में टीवी के दर्शकों को वापस लौटाना सबसे ऊपर है. ट्विटर के जैसी चीन की लोकप्रिय वेपसाइट वाइबो पर एक टीवी दर्शक ने लिखा है, "मैं इसका पूरा समर्थन करता हूं क्योंकि कई बार ड्रामा से ज्यादा समय विज्ञापन को दे दिया जाता है."

Chinesische Fernseher
तस्वीर: AP

बी यंताओ चीन की हाइनान यूनिवर्सिटी में विज्ञापन विभाग के प्रमुख हैं. यंताओं कहते हैं कि सार्फ्ट ने नियम बनाए हैं क्योंकि टीवी ड्रामे के दौरान दिखाए जाने वाले विज्ञापन अब बर्दाश्त करने की सीमा से बाहर निकल गए हैं. समाचार एजेंसी एएफपी से यंताओ ने कहा, "लोग मजाक में कहते हैं कि जब आप टीवी पर विज्ञापन देख रहे होते हैं तो उसी बीच कुछ देर के लिए ड्रामा भी दिख जाता है."

अगस्त में जारी एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले 26 फीसदी लोग अब टीवी नहीं देखते जबकि 43 फीसदी लोग पहले की तरह टीवी नहीं देख रहे हैं. इन लोगों को अब इंटरनेट मनोरंजन का चस्का लग गया है. सरकारी अखबार बीजिंग डेली के मुताबिक राजधानी बीजिंग में 100 में से अब बस 38 परिवारों ही ऐसे हैं जो हर शाम टीवी देखते हैं. तीन साल पहले ऐसा करने वाले परिवार 100 में 75 होते थे.

हालांकि इन सब के बावजूद टीवी नाटकों की लोकप्रियता बहुत है. आमतौर पर गैरविवादित प्रेम कहानियों और ऐतिहासिक चरित्रों पर बनने वाले इन नाटकों को कड़े सेंसर नियमों से भी गुजरना पड़ता है लेकिन लोग इन्हें खूब पसंद करते हैं.

हालांकि ऐसा नहीं है कि नए नियम से सारे लोग खुश ही हैं. टीवी दर्शक इस पर खुशी का इजहार कर रहे हैं तो विज्ञापन से जुड़े लोग चेतावनी दे रहे हैं कि इससे प्रसारकों को अरबों युआन का नुकसान होगा. बी यंताओ का कहना है कि इस नियम से टीवी प्रसारकों की विज्ञापन से होने वाली कमाई पर काफी असर पड़ेगा. खासतौर से इसलिए भी क्योंकि सार्फ्ट ने लोकप्रिय टेलिविजन कार्यक्रमों पर ही इस तरह के नियम लगाए हैं. यंताओ ने कहा, "टीवी के विज्ञापन क्षेत्र में काम करने वाले मेरे मित्रों ने मुझे बताया कि चीन के टीवी स्टेशनों को कम से कम 20 अरब युआन(150 अरब रुपये) का नुकसान होगा." बिना ब्रेक टीवी का मजा लेना है तो कुछ तो कीमत चुकानी होगी.

रिपोर्टः एएफपी/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें