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चीन में एक और विद्रोही को लंबी कैद

२६ दिसम्बर २०११

चार दिन के भीतर चीन में लोकतंत्र समर्थक दूसरे विद्रोही कार्यकर्ता शेन शी को 10 साल के कैद की सजा सुनाई गई है. शेन शी पर सरकार को पलटने के लिए लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

गुईझू प्रांत की राजधानी गुइयांग में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले गुट चाइनिज ह्यूमन राइट डिफेंडर्स ने सोमवार को यह जानकारी दी. 57 साल के शेन शी पर भड़काउ लेख लिखने के आरोप लगे हैं. मानवाधिकार गुट ने बताया कि शेन शी के लिखे 36 लेखों में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की आलोचना की गई है. ये लेख इंटरनेट के जरिए लोगों तक पहुंचाए गए.

Zum Buch Die Republik auf dem Platz des Volkes – Tagebuch Mai / Juni 1989 FLASH-GALERIE
तस्वीर: 64memo

शेन की पत्नी झांग कुनजुआन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को फोन पर बताया, "जज ने कहा कि यह बड़ा अपराध है, इसका बहुत बुरा असर होगा और वो लगातार गलतियां कर रहे हैं." झांग ने बताया कि कोर्ट ने माना है कि इसके लिए एक दशक तक उन्हें जेल में रखा जाना चाहिए. झांग ने कहा, "अगर सरकार लोकतंत्र और सुधार चाहती है तो उन लोगों की जरूरत होगी जो खुल कर आलोचनाएं कर सकें." झांग ने सवाल उठाया, "वो आपकी सरकार को पलट देंगे- क्या वो ऐसा कर सकते हैं? क्या उनके पास सेना है? क्या उनके पास पुलिस फोर्स है? क्या उनके पास कोर्ट है? एक कागज के टुकड़े और कलम से वो आपको पलट सकते हैं क्या आप इतने नाजुक हैं?" झांग ने यह भी कहा कि शेन इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेंगे क्योंकि उसका कोई फायदा नहीं होगा.

Flash-Galerie Die Republik auf dem Platz des Volkes – Tagebuch Mai/Juni 1989
तस्वीर: 64memo

शेन शी का मामला भी शेन वी की तरह का ही है जिन्हें शुक्रवार को नौ साल के कैद की सजा सुनाई गई. दोनों कार्यकर्ता ऑनलाइन लेख लिखते हैं, दोनों पर सरकार पलटने के लिए उकसावा देने के आरोप हैं, दोनों लंबे समय से उन विद्रोहियों में शुमार किए जाते हैं जिन्होंने थियानमेन चौक पर लोकतंत्र के समर्थन में 1989 में हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.

शेन शी को तीसरी बार लंबी कैद की सजा सुनाई गई है. उन्हें 1989 के विरोध में शामिल होने के लिए 3 साल की कैद दी गई. यह सजा काटने के बाद 'क्रांति विरोधी अपराधों' के लिए 10 साल के कैद की सजा दी गई. शेन जी उन पहले बागियों में शामिल हैं जिन्होंने लोकतांत्रिक सुधारों के लिए चार्टर 08 पर दस्तखत किए थे. दोनों शेन इसी साल अरब जगत में उठी विद्रोह की लहर को चीन तक पहुंचने से रोकने के लिए गिरफ्तार किए गए. फरवरी और मार्च में चीन में लोकतंत्र के समर्थन में चीन के बागियों ने अरब जगत की तर्ज पर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन के लिए लोगों को जमा किया. हालांकि चीन के सुरक्षा बलों ने इन विरोध प्रदर्शनों पर शुरुआत में ही शिकंजा कस कर इन्हें ज्यादा बढ़ने नहीं दिया.

लोगों को सत्ता पलटने के लिए भड़काने का आरोप चीन की सरकार आमतौर पर विद्रोहियों के खिलाफ लगाती है. नोबेल पुरस्कार विजेता लिऊ जियाओबो को भी दो साल पहले इसी तरह के आरोपों में कैद की सजा सुनाई गई.

रिपोर्टः डीपीए,रॉयटर्स/एन रंजन

संपादनः महेश झा