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चीन की "पोलर सिल्क रोड" नीति का खुलासा

२६ जनवरी २०१८

चीन भौगोलकि रूप से आर्कटिक क्षेत्र से सीधे-सीधे नहीं जुड़ा है लेकिन आर्कटिक क्षेत्र में इसकी सक्रियता लंबे समय से नजर आती रही है. अब चीन ने भविष्य की अपनी आर्कटिक नीति पर एक श्वेत पत्र जारी किया है.

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Xi Jinping
तस्वीर: Imago/Xinhua/Xie Huanchi

आधिकारिक रूप से आर्कटिक नीति पर जारी किए गए अपने श्वेत पत्र में चीन ने कहा है कि वह इस क्षेत्र में उद्यमों के विकास को प्रोत्साहित करेगा. साथ ही बुनियादी ढांचे और कारोबारी आवाजाही को बढ़ाने के लिए काम करेगा जो भविष्य में आर्कटिक शिपिंग मार्ग के लिए रास्ता तैयार करेगा. इसे चीन ने "पोलर सिल्क रोड" नाम दिया है.

चीन के स्टेट काउंसिल इंफॉरमेशन ऑफिस ने जारी इस पत्र में कहा, "चीन को उम्मीद है कि सभी दल पोलर सिल्क रोड को तैयार करने और आर्कटिक शिपिंग रूटों को विकसित करने पर काम करेंगे." हालांकि चीन आर्कटिक क्षेत्र में आने वाला देश नहीं है लेकिन ध्रुवीय क्षेत्र में यह बेहद ही सक्रिय है. साल 2013 में चीन आर्कटिक काउंसिल का पर्यवेक्षक सदस्य बना था. श्वेत पत्र में कहा गया है, "आर्थिक भूमंडलीकरण के दौर में दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में विज्ञान व तकनीक, पर्यावरण, जहाजरानी और संसाधनों में आर्कटिक का मूल्य निरंतर बढ़ रहा है. आर्कटिक मामले आर्कटिक क्षेत्र के बाहर के देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समग्र हितों से जुड़े हैं, जिस का वैश्विक प्रभाव और महत्व है."

चीन के एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस क्षेत्र में चीन के हित, रूस के साथ चल रही उसकी प्राकृतिक गैस परियोजना के चलते भी बढ़े हैं. रूस की यमल प्राकृतिक गैस परियोजना के तहत चीन को सालाना 40 लाख टन प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरी समुद्री मार्ग के इस्तेमाल में आने से 20 दिन की बचत होगी. हालांकि चीन का इस क्षेत्र में बढ़ता रणनीतिक प्रभाव आर्कटिक क्षेत्र के देशों की चिंताए बढ़ा रहा है. चीन ने कहा कि कुछ लोग आर्कटिक को लेकर हमारे इरादों पर शक जता रहे हैं लेकिन यह सभी चिंताएं बेवजह हैं. आर्कटिक काउंसिल में कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, रूस, स्वीडन, अमेरिका शामिल हैं.

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चीन की इस योजना का मकसद, चीन को यूरोप और मध्य पूर्व समेत तमाम अन्य देशों से जोड़ना है. चीन की यह नीति देश के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मंशाओं को दर्शाती है, जो देश को वैश्विक नेतृत्व की भूमिका में लाना चाहते हैं. 

एए/एनआर (रॉयटर्स)