चीनी सेना का रेगिस्तानी युद्धाभ्यास
१८ अगस्त २०१६चीन अपनी सेना को कठिन परिस्थितियों में युद्ध के लिए तैयार रहने का प्रशिक्षण दे रहा है. करीब 3000 सैनिकों ने पश्चिमोत्तर चीन के तकलामाकन रेगिस्तान में अत्यंत मुश्किल परिस्थितियों में आधुनिक युद्ध का अभ्यास किया. यहां युद्धाभ्यास से पहले उन्होंने अपनी शारीरिक क्षमताओं का भी परीक्षण किया. और चार दिनों और तीन रातों में 3000 किलोमीटर का सफर कर अभ्यास में हिस्सा लिया.
इस अभ्यास में अत्यंत गर्मी की स्थिति में न सिर्फ सैनिकों की शारीरिक क्षमता का टेस्ट हुआ बल्कि चीन में विकसित अत्याधुनिक सैनिक उपकरणों का भी. लक्ष्य पर हमले के लिए लॉन्चरों से रॉकेट भी दागे गए.
रेगिस्तानी युद्धाभ्यास में भाग लेने वाले सैनिक झा जुन ने बताया, "कई दिनों के सफर के बाद हम थके हुए हैं. दूसरे रेगिस्तान में तेज हवाएं हैं और तापमान बहुत ज्यादा है. हमने लड़ाकू उपकरणों का कठिन परिस्थितियों के लिए टेस्ट भी कर रहे हैं."
मौसम की मुश्किल परिस्थितियों में ढलने के लिए सैनिकों ने फटाफट तंबू लगाया और लक्ष्य की खोज शुरू की. हमले के बाद उन्हें तुरंत अपनी लोकेशन बदलनी पड़ी क्योंकि इसका पता चल चुका था. रिलोकेशन के दौरान उनपर "दुश्मन" ने रासायनिक हथियारों से हमला किया. जब सैनिकों ने फिर से अपनी पोजीशन संभाली तो उन्होंने पाया कि "दुश्मन" हमले के इलाके से भाग चुके हैं और उन्होंने लक्ष्य को फिर से निशाने पर लिया. युद्ध का अभ्यास ही विजय का अभ्यास है, चीनी सैनिकों ने यह सीख लिया.