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चक्रवाती तूफान ने मचाई भारत और बांग्लादेश में तबाही, कई मौत

११ नवम्बर २०१९

भारत और बांग्लादेश में चक्रवात बुलबुल की वजह से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है. तूफान के रास्ते में पहले से बचाव कार्य और प्रशासन की मुस्तैदी से लाखों लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया.

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Indien Zyklon Bulbul
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Sarkar

रविवार को चक्रवात की वजह से पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तेज हवाएं चलीं जिससे कई पेड़ उखड़ गए, कई जगहों पर बिजली के तार टूटने से बिजली आपूर्ति ठप रही है. तेज हवाओं के कारण कई घरों की छत तक उड़ गई.अधिकारियों का कहना है कि कम से 22 लाख लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा गया है.

	Indien Zyklon Bulbul
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Sarkar

दो देशों में चक्रवात का कहर

चक्रवात के कारण 14 लोगों की मौत हो गई है और बांग्लादेश के 36 मछुआरे लापता हो गए हैं. उनकी तलाश में बचाव दल खोज अभियान चला रहा है. भारत और बांग्लादेश के बीच पड़ने वाले सबसे बड़े मैंग्रोव के जंगल वाले सुंदरबन के इलाकों में हवा 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात को लेकर फोन पर बात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया  है. अधिकारियों ने कहा है कि नुकसान का जायजा लेने के लिए राहत दल को प्रभावित इलाकों में भेजा गया है. कोलकाता में आपदा प्रबंधन अधिकारी अमलेंदु दत्ता ने कहा, "चक्रवात के कारण सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंबे उखड़ गए. कच्चे मकान और फसलों को भारी नुकसान हुआ है."

Bangladesch Zyklon Bulbul
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Uz Zaman

बांग्लादेश में भी तबाही

बांग्लादेश में अधिकारियों का कहना है कि चक्रवात के बाद की घटनाओं में 30 लोग घायल हुए जबिक 6,000 घरों को आंशिक रूप से या भारी नुकसान हुआ है. बांग्लादेश के भोला जिले के स्थानीय प्रतिनिधि ने बताया कि दो नावों से अब तक संपर्क नहीं हो पाया है. इस नाव में 36 मछुआरे सवार थे. दक्षिणपूर्वी बांग्लादेश के उन कैंपों से अब तक रिपोर्ट नहीं आई कि चक्रवात से किस तरह का नुकसान हुआ है. इन कैंपों में पड़ोसी देश म्यांमार से आए लाखों शरणार्थी रहते हैं.

	Indien Zyklon Bulbul
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Sarkar

भारतीय मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले 12 घंटे तक समंदर में ना जाने की सलाह दी है. बांग्लादेश में अधिकारियों का कहना है कि 13 तटीय जिलों के करीब 20 लाख लोगों को 5,558 आश्रय गृहों में रखा गया था. बांग्लादेश के अधिकारी बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में मछलियां पकड़ने की नौकाओं पर रोक के साथ-साथ नदियों में नावों के परिचालन पर भी अस्थायी तौर पर रोक लगा चुके हैं.

एए/एनआर (रॉयटर्स, डीपीए)

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