घर घर में बन सकते हैं ब्रसेल्स हमले के बम
२८ मार्च २०१६ब्रसेल्स के हमलावरों ने एक ऐसी जगह किराए पर ली थी, जहां मरम्मत का काम चल रहा था. ऐसे में वे धीरे धीरे बम बनाने का सामान जमा करते रहे और किसी को कभी उन पर शक भी नहीं हुआ. "अगर कोई उन्हें रोकता भी, तो वे आसानी से कह सकते थे कि मरम्मत का सामान है", ऐसा कहना है एक स्थानीय अधिकारी हसन आबिद का. आबिद समझाते हैं कि पुलिस को इनकी भनक इसलिए नहीं लगी क्योंकि जिस तरह के सामान से विस्फोटक बनाए गए, वह किसी भी सामान्य हार्डवेयर स्टोर में आसानी से मिल जाता है.
दोनों भाइयों इब्राहिम अल बकरावी और खालिद अल बकरावी को ये बम बनाने में दो महीने का वक्त लगा. उन्होंने नेल पॉलिश रिमूवर और ड्रेन क्लीनर जैसी सामान्य चीजों का इस्तेमाल किया. इनकी मदद से उन्होंने टीएटीपी नाम का मिश्रण तैयार किया, जो एक बेहद घातक विस्फोटक है.
ब्रसेल्स हमलों से पहले टीएटीपी का इस्तेमाल 2015 के पेरिस हमलों और 2005 के लंदन हमलों में भी किया गया था. हालांकि पिछले तजुर्बों को देखते हुए यूरोप में लोगों के सामान खरीदने के तरीकों पर नजर रखी जाती है और शक होने पर स्टोर में काम करने वाले पुलिस को सूचना देते हैं लेकिन ब्रसेल्स मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ. हमले के बाद जब पुलिस वहां पहुंची, तो 15 किलो टीएटीपी और 180 लीटर रसायन मिला.
टीएटीपी पर रिसर्च करने वाले इस्राएल के वैज्ञानिक एहुद कैनान बताते हैं कि ब्रसेल्स में जिस तीव्रता का विस्फोट हुआ, उसे अंजाम देने के लिए चार किलो टीएटीपी ही काफी है. 1980 के दशक में जब फलीस्तीन में आतंकियों को टीएटीपी का ज्ञान हुआ, तब उन्होंने इसे "शैतान की मां" का नाम दिया था. ऐसा इसलिए क्योंकि सफेद रंग के इस पाउडर को माचिस या सिगरेट से सक्रिय किया जा सकता है. विस्फोट से ज्यादा नुकसान हो, इसके लिए कई बार बम में ढेर सारी कीलें भी मिलाई जाती हैं.
इंटरनेट के जमाने में इस खतरनाक बम को बनाने के तरीके ढूंढना भी मुश्किल नहीं रह गया है. हालांकि यह भी सच है कि बिना रसायनों के ज्ञान के हर कोई सही मिश्रण नहीं बना सकता. लेकिन हमलावरों में से एक, नाजिम लाखरावी इंजीनियर था और रसायनों की अच्छी समझ रखता था.
टीएटीपी की गंध काफी तेज होती है. जिस टैक्सी में सवार हो कर ये लोग हवाई अड्डे पहुंचे, उसके चालक ने बताया कि उसे रसायनों की गंध आ रही थी. टीएटीपी को हवाई अड्डे में लगे स्कैनर भी नहीं पकड़ सकते. केवल प्रशिक्षित कुत्ते ही उसे सूंघ कर जानकारी दे सकते हैं. हालांकि ब्रसेल्स हवाई अड्डे पर खोजी कुत्ते भी मौजूद थे लेकिन हमलावर उन्हें भी चकमा देने में कामयाब रहे.
आईबी/एमजे (रॉयटर्स)