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ग्रीस पर दबाव और इटली की साख नीचे

२० सितम्बर २०११

अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं ने ग्रीस पर फंदा कसते हुए उससे टेलिकॉन्फ्रेंसिंग में कहा है कि उसे कर्ज के लिए बड़ी कटौती करनी होगी. उधर इटली पर स्टैंडर्ड एंड पुअर्स की तलवार चली, उसने इटली की क्रेडिट रेटिंग गिरा दी है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने कहा कि स्टैंडर्ड्स एंड मूडी का फैसला सच्चाई के आधार पर नहीं बल्कि अखबारों पर आधारित लगता है.

सोमवार को ग्रीस के वित्त मंत्री इवांगेलोस वेनिजेलोस ने यूरोपीय संघ, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के प्रतिनिधियों से बातचीत की. टेलिकॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ग्रीस ने बेल आउट पैकेज देने वालों को भरोसा दिलाया कि वह जरूरी कटौतियां कर रहा है और उसे बेल आउट की राशि देने में कोई खतरा नहीं है.

यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब वेनिजेलोस ने ग्रीस में सुधार की योजनाओं में तेजी लाने की घोषणा की है ताकि बजट घाटे को नियंत्रण में लाया जा सके. लेकिन फिर भी कर्जदाता बात कर के खुद सुनिश्चित करना चाह रहे थे कि बचत की योजनाएं पटरी पर हैं.

Griechenland Finanzminister Evagelos Venizelos
ग्रीस के वित्त मंत्री इवांगेलोस वेनिजेलोसतस्वीर: dapd

यूरोपीय संघ, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय सेंट्रल बैंक की ट्रोइका के अधिकारियों को ग्रीस जाने की जरूरत है या नहीं इस पर फैसला मंगलवार शाम को लिया जाएगा, टेलिफोन से बातचीत मंगलवार शाम को भी होगी.

इटली की साख गिरी

ग्रीस के बेल आउट पर जारी बहस के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने इटली की साख एक दर्जा गिरा दी है और उसे A+ से A कर दिया है. एजेंसी ने आगे भी इसकी साख गिरने की आशंका जताई है.

स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने इटली की आर्थिक, मौद्रिक और आर्थिक कमजोरियों को इसका कारण बताया है. एजेंसी ने बयान में कहा, "हमारे विचार में अधिकारी इन मुद्दों को हल करने की पहल नहीं कर रहे." उसने कमजोर सार्वजनिक क्षेत्र और धीमे विदेशी निवेश के अलावा कामगारों की कम भागीदारी की ओर भी संकेत दिया.

उधर ग्रीस ने ताजी बचत योजनाओं की घोषणा की है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्रों में भारी कटौती की बात कही गई है. वहां सार्वजनिक क्षेत्र में हजारों लोगों की छंटनी की योजना है. इटली की तरह ही ग्रीस पर भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से भारी दबाव है कि वह अपने घाटे को काबू में करे और बचत के लंबे समय से किए जा रहे वादे को पूरा करे या फिर अपनी साख और गिरती देखने को तैयार रहे.

दो सप्ताह पहले ट्रोइका अधिकारियों की आकलन बैठक के बाद संकेत दिया गया था कि ग्रीस अपनी वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाने और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय संघ के साथ तय बचत योजना पर अमल के मामले में खरा नहीं उतरा है.

Griechenland Euro in der Krise
पाई पाई का हिसाबतस्वीर: picture alliance / ZB

ट्रोइका अधिकारियों को ग्रीस के इस साल के बजट में 2 अरब यूरो का खर्च दिखा है जिसे पूरा करने का कोई साधन नहीं है. उसके बाद ग्रीस की सरकार ने नया मकान कर लगाने की घोषणा की. ग्रीस को दिए गए बेल आउट की अगली किश्त पर इस समय ट्रोइका में विचार चल रहा है. मई में ग्रीस को 110 अरब यूरो दिए जाने की बात थी. अगली किश्त नहीं मिलने पर डर है कि ग्रीस कर्ज की किश्त नहीं चुका पाएगा.

एथेंस हर पाई बचाने की कोशिश में है. देखना ये होगा कि 2011 और 2012 में वह बजट घाटे को किस तरह से कम करता है और कैसे संरचनात्मक सुधार और निजीकरण करता हैं. ग्रीस की सुधार योजना में अविश्वास का एक कारण और यह भी है कि ग्रीस की संसद फैसला ही नहीं कर पा रही है कि वह किस तरह के सुधार करे.

In Athen lebende Syrer zeigen sich solidairsch mit Antiregierungsprotesten in Syrien
विरोध जारीतस्वीर: picture alliance/dpa

आईएमएफ में ग्रीस के प्रतिनिधि बॉब ट्रा कहते हैं, "निजीकरण इसलिए धीमा हुआ है क्योंकि नेता सहमत नहीं हो पा रहे हैं कि करें कैसे. अगर आप इंतजार करते हैं तो देश और घाटे में जाता है. बिना संरचनात्मक सुधारों के देश आगे नहीं जा सकता."

लोगों का गुस्सा

ग्रीस के लोगों को कटौती से भारी नाराजगी है. कई लोगों की नौकरियां और पेंशन भी पूरी तरह खत्म हो जाएगी. 6 अक्तूबर को ग्रीस के सबसे बड़े कर्मचारी संघ जीएसईई ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की है.

विरोध और हड़तालों ने दिखाया है कि जनता प्रस्तावित सुधारों से खुश नहीं है. लेकिन ग्रीस की अर्थव्यवस्था अब इसी पर टिकी हुई है. ग्रीस में रुढ़िवादी विपक्ष के नेता एंटोनिस समारास कहते हैं, "सरकार अपनी ही गलतियों की गिरफ्त में है. वह लक्ष्य तक पहुंचने की स्थिति में नहीं है."

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः महेश झा

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