ग्बाग्बो के खिलाफ निर्णायक जंग
७ अप्रैल २०११आइवरी कोस्ट की आर्थिक राजधानी आबिदजान में संघर्ष जोरों पर है. पद छोड़ने से इनकार करने वाले राष्ट्रपति ग्बाग्बो को सत्ता से हटाने के लिए ओत्तारा समर्थक सैनिकों ने निर्णायक जंग छेड़ दी है. उन्हें ग्बाग्बो समर्थक सैनिकों से कड़ी टक्कर मिली है. संघर्ष का दायरा राष्ट्रपति के महल के आसपास घिर आया है. आबिदजान में लगातार धमाकों और गोलियों की आवाज सुनाई दे रही है.
फ्रांस के हेलीकॉप्टरों ने आइवरी कोस्ट में जापान के राजदूत को सुरक्षित निकाल लिया है. जापानी राजदूत के घर का इस्तेमाल ओत्तारा समर्थक सेना हमलों के लिए कर रही थी. राजदूत समेत दर्जन भर लोगों को एक बुलेट प्रूफ दरवाजे के पीछे छिपना पड़ा. बाद में फ्रांस के हेलीकॉप्टरों की मदद से उन्हें बाहर निकाल गया.
राष्ट्रपति ग्बाग्बो के पैरिस में मौजूद सलाहकार ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि बुधवार को ओत्तारा समर्थक सैनिकों ने ताजा हमले शुरू किए. इन सैनिकों की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र और फ्रांस के जंगी हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं. सलाहकार के बयान की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है. संयुक्त राष्ट्र और फ्रांस के नेतृत्व में चल रही बातचीत भी जब ग्बाग्बो को पद छोड़ने के लिए मनाने में नाकाम रही तो ओत्तारा समर्थकों ने बुधवार को हमले तेज कर दिए.
हालांकि तब उनका सामना जवाबी कार्रवाई में भारी हथियारों की फायरिंग से हुआ जिसके बाद उन्हें कदम पीछे खींचने पड़े. राष्ट्रपति के महल के पास मौजूद एक कूटनीतिक सूत्र ने यह जानकारी दी है.
आइवरी कोस्ट फ्रांस का उपनिवेश रहा है. फ्रांस ने यहां राष्ट्रपति ग्बाग्बो को समझाने की कोशिश की है लेकिन अब तक उसे निराशा ही मिली है. ग्बाग्बो किसी भी तरह से ओत्तारा को सत्ता देने के लिए तैयार नहीं हैं. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा है कि ग्बाग्बो के साथ बातचीत जारी है लेकिन यह कहना मुश्किल है कि कोई हल निकल ही जाएगा. यह आशंका इसलिए भी मजबूत हुई है क्योंकि ग्बाग्बो ने फ्रांस के रेडियो पर प्रसारित संदेश में खुद कहा कि वह समर्पण नहीं करेंगे.
एक हफ्ते पहले आबिदजान में ओत्तारा की सेना दाखिल हुई और तभी से यहां भारी संघर्ष चल रहा है. संयुक्त राष्ट्र के हेलीकॉप्टरों ने ग्बाग्बो के भारी हथियारों पर बम बरसाए हैं. बावजूद इसके, राष्ट्रपति महल के आस पास ग्बाग्बो के सैनिक मुस्तैदी से डटे हुए हैं. मंगलवार को ये हमले रोक दिए गए. जानकारों को मानना है कि ओत्तारा समर्थक सेना ने दक्षिणी इलाके में तो पिछले हफ्ते आसानी से जीत हासिल कर ली लेकिन बाकी बची ग्बाग्बो की अंगरक्षक सेना और मिलिशिया से टकराव में उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है.
ग्बाग्बो देश की सत्ता पर 2000 से ही राज कर रहे है और देश के उत्तरी हिस्से में 2002-03 में छिड़े गृहयुद्ध के लिए फ्रांस को दोषी ठहराते हैं. इस युद्ध में शामिल हुए विद्रोही फिलहाल ओत्तारा की सेना का बड़ा हिस्सा हैं.
लंबे इंतजार के बाद पिछले साल हुए चुनाव से गृह युद्ध के खत्म होने की संभावना बनी थी लेकिन ग्बाग्बो के पद छोड़ने से इनकार करने के बाद मामला उल्टा पड़ गया. देश में चल रहे संघर्ष ने अब तक 1500 लोगों की जान ली है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार