इंटरनेट में भूले जाने का हक
३० मई २०१४कुछ ही हफ्ते पहले यूरोपीय अदालत ने फैसला दिया था कि हर व्यक्ति को विशेष परिस्थिति में अधिकार होना चाहिए कि उसके बारे में सूचना इंटरनेट सर्च से हटा दी जाए. विशेष परिस्थिति का मतलब है कि जब जानकारी पुरानी और गलत हो.
इस फैसले के बाद गूगल ने एक वेबफॉर्म लॉन्च किया है जो यूरोपीय लोगों को ही मुहैया होगा. इसमें वे अनुरोध कर सकते हैं कि गूगल अपने सर्चइंजन से उनके बारे में जानकारी हटा दे.
जानकारी पाने की आजादी और लोगों के अधिकार में संतुलन बिठाने के लिए कंपनी एक सलाहकार समिति बना रहा है. इसमें गूगल के पूर्व प्रमुख एरिक श्मिट, विकीपीडिया बनाने वाले जिमी वेल्स, ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट में नैतिकशास्त्र के प्रोफेसर फ्लोरिडी सहित कुछ और लोग भी हैं. फ्लोरिडी ने कहा, "इंटरनेट के कारण पैदा हुई नैतिक और कानूनी चुनौतियों का मूल्यांकन करने के लिए गूगल ने जो समिति बनाई है, उस अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति में शामिल हो कर मैं खुश हूं. यह रोमांचक पहल है, जिसमें कुछ सख्त बल्कि कहें दार्शनिक विचारों की जरूरत है."
पहचान जरूरी
गूगल ने सपोर्ट पेज पर जो फॉर्म दिया है, उसमें यूरोपीय लोगों से पहले पहचान बताने को कहा गया और पूछा गया कि वो सर्च रिजल्ट से कौन सी लिंक हटाना चाहते हैं और वे ऐसा क्यों करना चाहते हैं. जो अनुरोध कर रहे हैं उन्हें साबित करना होगा कि वो कौन हैं, इसके लिए फोटो पहचान पत्र या फिर ड्राइविंग लाइसेंस दिखाना होगा. आवेदन पर इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर भी जरूरी होगा. ये आवेदन ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर से नहीं देखे जाएंगे. गूगल ने इस बात की जानकारी अभी नहीं दी है कि लिंक डिलीट करने में कितना समय लगेगा. इसने लिखा, "हम जल्द ही यूरोपीय डाटा सुरक्षा कानून के तहत भुला दिए जाने के अनुरोध की प्रक्रिया को फाइनल कर रहे हैं. इस दौरान हमारा फॉर्म भरें और हम आपको बता देंगे कि हम कब आपके आवेदन पर काम शुरू करेंगे."
यूरोप में हटा दिए गए लिंक हालांकि सिर्फ यूरोप में ही नहीं दिखाई देंगे. दुनिया के बाकी हिस्सों में उन्हें गूगल सर्चइंजन पर देखा जा सकेगा. इस वेबफॉर्म को लॉन्च करने से पहले ही गूगल के पास भुलाए जाने की हजारों आवेदन पहुंच गईं. गूगल ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है लेकिन ऑनलाइन रिपोर्टों के मुताबिक अपना रिकॉर्ड इंटरनेट से भुला दिए जाने के लिए एक पीडोफिल और एक नेता ने भी अनुरोध भेजा है.
एएम/एमजी (एएफपी)