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गाल की पिच पर विवाद बढ़ा

७ सितम्बर २०११

ऐसा लगता है कि दक्षिण एशियाई पिचें आईसीसी के निशाने पर हैं. अब श्रीलंका की गाल पिच पर विवाद खड़ा हो गया है. आईसीसी ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

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तस्वीर: AP

श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड ने गाल स्टेडियम की पिच खराब होने के आरोपों को ठुकरा दिया है. बोर्ड प्रमुख उपाली धर्मदासा ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में विकेट को लेकर विवाद सही नहीं है क्योंकि किसी को चोट नहीं लगी.

धर्मदासा ने कहा, "मेरी राय में पिच खतरनाक नहीं थी. किसी को चोट नहीं लगी. लेकिन हम अगले हफ्ते इस बारे में एक जांच शुरू करेंगे."

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल आईसीसी ने इस पिच को लेकर जांच के आदेश दिए हैं. मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने इस पिच को खराब बताया था. इस बारे में आईसीसी ने श्रीलंका बोर्ड से भी जवाबतलब किया है कि क्या पिच सूखी और धूलभरी थी.

आईसीसी के जनरल मैनेजर डेविड रिचर्डसन और प्रमुख मैच रेफरी रंजन मदुगाले आरोपों की जांच करेंगे. वे सबूतों का अध्ययन करेंगे. इनमें मैच के वीडियो के अलावा श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के बयान भी शामिल हैं.

ऑस्ट्रेलिया ने पिछले हफ्ते खेला गया यह टेस्ट 125 रन से जीत लिया. इस टेस्ट में चार दिन में 40 विकेट गिरे. मैच के दूसरे दिन ही 16 विकेट गिर गए.

लेकिन धर्मदासा ने पिच के लिए किसी भी तरह की आलोचना को खारिज कर दिया है. उन्होंने बैटिंग को मिले फायदे का हवाला दिया है. वह कहते हैं कि इस मैच में 800 से ज्यादा रन बने. श्रीलंका के महेला जयवर्द्धने ने 105 रन बनाए. माइक हसी ने भी 95 रन की पारी खेली.

इस बारे में धर्मदासा कहते हैं, "मैच के आखिरी दिन एक बल्लेबाज ने शतक बनाया. एक ने 95 रन बनाए. फिर हम पिच को इल्जाम कैसे दे सकते हैं? श्रीलंका अगर पहली पारी में 105 रन पर आउट हो गया तो इसकी वजह खराब बैटिंग थी."

लेकिन धर्मदासा की इस सफाई से बहुत से लोग असहमत हैं. जानेमाने पूर्व टेस्ट क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन ही उनसे इत्तेफाक नहीं रखते. वह कहते हैं कि बेहतर पिच तैयार की जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा, "ऐसा लगा कि सब कुछ टॉस पर निर्भर था. मुझे लगा कि नीति उलटी पड़ गई."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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