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खतरे में है कोलकाता का क्रिकेट कनेक्शन

७ फ़रवरी २०११

कोलकाता का क्रिकेट कनेक्शन खतरे में है. ईडन गार्डेन के हाथों से पहले भारत-इंग्लैंड मैच की मेजबानी फिसली और उसके बाद पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली को आईपीएल के चौथे संस्करण में किसी टीम ने घास नहीं डाली.

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दादा की क्रिकेट से छुट्टी हुईतस्वीर: AP

अब आधी अधूरी तैयारियों के चलते वर्ल्ड कप के बाकी मैचों के भी हाथ से निकलने का खतरा है. भारतीय टीम का इकलौता मैच हाथ से निकलने की वजह से यहां क्रिकेट प्रेमियों में भारी नाराजगी है. यह लोग क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) प्रमुख जगमोहन डालमिया का पुतला जला रहे हैं और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. कोलकाता और ईडन गार्डन की मेजबानी का फैसला करने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की तीन-सदस्यीय टीम ने आज ईडन का दौरा किया. लेकिन उसे भी ईडन के बाहर जुटे सैकड़ों क्रिकेट प्रेमियों के प्रदर्शन, नाराजगी और नारेबाजी का सामना करना पड़ा.

इस टीम को काले झंडे भी दिखाए गए.यह टीम मंगलवार को अपनी रिपोर्ट देगी. हालांकि सीएबी का कहना है कि उससे सात फरवरी तक जितना कहा गया था उतना काम पूरा हो गया है सिवाय छत के.

खेल प्रेमियों का गुस्सा

वैसे आईसीसी की तीन-सदस्यीय टीम को कोलकाता के क्रिकेट प्रेमियों की नाराजगी और नारेबाजी का सामना करना पड़ा. हाथों में काले झंडे लिए ईडन के बाहर जुटे लोगों ने आईसीसी गो बैक के नारे लगाए. प्रदर्शकारियों का कहना था कि भारत-इंग्लैंड मैच एक साजिश के तहत यहां से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. टीम के सदस्यों ने तो ईडन के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की. लेकिन सीएबी के सूत्रों ने बताया कि आईसीसी ने मीडिया बॉक्स, स्कोर बोर्ड और तीसरे अंपायर के बॉक्स को लेकर आपत्ति जताई है. आईसीसी की टीम ने भले कुछ नहीं कहा हो, सीएबी प्रमुख डालमिया ने उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ा है. वह कहते हैं, "मुझे उम्मीद है कि हम बाकी तमाम मैचों का आयोजन कर सकेंगे."

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लचर तैयारियों का शिकार ईडन गार्डनतस्वीर: Prabhakar Mani Tiwari

भारत-इंग्लैंड मैच के हाथों से निकलने के बाद इसका ठीकरा एक-दूसरे के सिर पर फोड़ने की जो कवायद शुरू हुई थी वह अब भी थमी नहीं है. डालमिया का आरोप है कि बार-बार पूछने के बावजूद आईसीसी और बीसीसीआई की ओर से उनको समय पर यह सूचना नहीं मिली कि स्टेडियम के निर्माण कार्य में किन चीजों का प्राथमिकता देनी है.

करोड़ों का घाटा

भारत-इंग्लैंड मैच के हाथ से निकलने की वजह से ईडन को मैच फीस और टिकटों की बिक्री से मिलने वाले राजस्व के मद में लगभग पांच करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है. इतना ही नुकसान कोलकाता के उन टूर आपरेटरों को भी हुआ है जिन्होंने इंग्लैंड से आने वाले दर्शकों को ध्यान में रखते हुए क्रिकेट-सह-पर्यटन के कई पैकेज तैयार किए थे.

सीएबी के ढीले-ढाले रवैए की वजह से सबसे अहम मैच हाथ से निकलने पर स्थानीय क्रिकेट प्रेमियों में भारी नाराजगी है. यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र समीर सरकार कहते हैं, "कोलकाता के लोगों को क्रिकेट से बेहद लगाव है. लेकिन सीएबी के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भारत का मैच यहां से बंगलौर चला गया. सीएबी प्रमुख जगमोहन डालमिया को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. बीसीसीआई को भी डालमिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए." एक निजी बैंक में काम करने वाले उत्पल दास भी कम नाराज नहीं हैं. लेकिन वह अपनी किस्मत को कोस रहे हैं.

तमाम आरोपों और लोगों की नाराजगी के बावजूद फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ईडन को वर्ल्ड कप के बाकी तीन मैचों को आयोजित करने का मौका मिलेगा या फिर उनसे भी हाथ धोना पड़ेगा. इस सवाल का जवाब तो आईसीसी टीम की रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को होने वाले फैसले से ही मिलेगा. तब तक तो आयोजकों और क्रिकेट प्रेमियों को भाग्य और अटकलों का ही सहारा है.

रिपोर्टः प्रभाकर, कोलकाता

संपादनः ए कुमार

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