क्यों परेशान है ग्रीस
१२ नवम्बर २०१२यूरोजोन में ग्रीस
2001 में ग्रीस यूरोजोन में शामिल हुआ और यूरो अपनाने वाला 12वां देश बना. सरकारी कर्ज बढ़ता रहा और 2010 में ग्रीस की सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ और यूरोपीय संघ से 110 अरब यूरो लेने में सफल रही. इस साल ग्रीस को एक दूसरा आर्थिक पैकेज मिला. यूरोपीय संघ और आईएमएफ ने 130 अरब यूरो का उधार दिया. निजी क्षेत्र को दिए गए 107 अरब यूरो का कर्ज माफ किया गया. ग्रीस ने यूरोपीय संघ से वादा किया कि वह अपने देश में बचत के लिए कड़े नियम लागू करेगा. ग्रीस यूरोजोन की अर्थव्यवस्था में 3 प्रतिशत का योगदान देता है. पर्यटन और समुद्री व्यापार ग्रीक अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं. पर्यटन जैसे और कई क्षेत्र हैं जिनके बारे में औपचारिक आंकड़े नहीं हासिल किए जा सकते हैं. जानकारों का मानना है कि ग्रीक अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत राजस्व यहीं से आता है.
ग्रीस का सार्वजनिक कर्जा
17 देशों से बने यूरोजोन में ग्रीस का कर्जा उसके सकल घरेलू उत्पाद का 60 प्रतिशत है. 2013 तक यह सकल घरेलू उत्पाद का 189 प्रतिशत हो जाएगा. ग्रीस को कर्ज दे रहे देश मांग कर रहे हैं कि 2020 तक उधार को 120 प्रतिशत तक कम किया जा सके. ग्रीस का सार्वजनिक घाटा यानी सरकारी राजस्व और खर्चे के बीच फर्क को अगले साल तक 5.5 प्रतिशत तक लाना है. इस वक्त यह 6.6 प्रतिशत है.
आर्थिक विकास
बजट के मुताबिक इस साल ग्रीस की अर्थव्यव्स्था 6.5 फीसदी और 2013 में 4.5 प्रतिशत घट जाएगी. अगले साल को साथ लिया जाए तो ग्रीस लगातार छह साल मंदी में गुजार चुका होगा. ग्रीस में महंगाई की दर इस वक्त 1.6 प्रतिशत है. सितंबर में यह 0.9 प्रतिशत थी. ग्रीस में 25.4 प्रतिशत लोग बेरोजगार हैं.पिछले साल यह संख्या 18 प्रतिशत थी. 24 साल से कम उम्र के लोगों में 10 में से औसतन छह लोगों के पास नौकरी नहीं है. लेकिन बजट के मुताबिक यह संख्या अगले साल 22 प्रतिशत तक घट जाएगी.
घटती जनसंख्या
ग्रीस में आर्थिक संकट के बाद कई लोग देश से निकल रहे हैं और जन्म दर में भी कमी आई है. 2009 में 1,12,80,000 के मुकाबले देश में केवल एक करोड़ लोग बचे हैं. इस साल जून में चुनावों के बाद रूढ़िवादी नेता आंतोनिस सामारास सत्ता में आए. वह गठबंधन सरकार चला रहे हैं. एक तरफ सरकार में शामिल पार्टियां और आम जनता बजट कटौती का विरोध कर रही है तो दूसरी तरफ यूरोजोन के नेता साफ कह चुके हैं कि ग्रीस को मदद चाहिए तो बजट पर कैंची मारनी होगी.
एमजी/ओएसजे(एएफपी)