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क्या वाकई वायरस के संक्रमण से बचाते हैं मास्क?

३० जनवरी २०२०

नए कोरोना वायरस से बचाव की बात हो या सालों पहले सार्स वायरस से बचाव की, दुनिया भर में मास्क पर भरोसा किया जाता है. पर क्या ये किसी शोध में प्रमाणित हुए हैं?

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Ausbrüche der Coronavirus-Pneumonie in China
तस्वीर: Getty Images/X. Chu

चीन से निकले वायरस से खुद को बचाने के लिए दुनिया भर में लोग रक्षात्मक मास्क खरीद रहे हैं. कुछ कंपनियों ने उन्हें पहनना कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया है. दक्षिण कोरिया में स्कूलों ने अभिभावकों से कह दिया है कि उनके बच्चे जब सर्दी की छुट्टियों से लौटें तो उनके पास मास्क और हैंड सैनिटाइजर जरूर हों. पर क्या ये मास्क वाकई काम करते हैं? ये निर्भर करता है. 

नैशविल में वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के डॉक्टर मार्क डेनिसन का कहना है कि सभी वायरस इतने छोटे होते हैं कि वो एक सरल मेडिकल मास्क के आर पार जा सकें, लेकिन कीटाणु साधारणतया हवा के रास्ते एक एक करके नहीं फैलते. डेनिसन सार्स वायरस और मर्स वायरस का अध्ययन करते हैं जो कि इस नए कोरोना वायरस की ही तरह होते हैं.

वे कहते हैं कि वायरस छींक या खांसी की छोटी छोटी बूंदों पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचते हैं. ये बूंदें हाथों पर या और किसी सतह पर उतरती हैं जहां उन्हें दूसरे छूते हैं और फिर वो लोग अपनी आंखें, नाक या मुंह छूते हैं. मास्क छींक या खांसी की बड़ी बूंदों को रोक सकते हैं. डेनिसन कहते हैं कि इसका मतलब है कि उनकी कुछ तो उपयोगिता है. 

उन्होंने ये भी कहा कि जिसने मास्क पहना हुआ हो वो अपने नाक और मुंह नहीं छू सकता. इस से मास्क पहनने वाला सतहों से उन कीटाणुओं से संपर्क में आने से बच जाता है जो कोई रोगी व्यक्ति छोड़ गया हो.

 

China Coronavirus
चीन के गुआंगझू सबवे स्टेशन पर एक यात्री का तापमान नापता सुरक्षाकर्मी. तस्वीर: Imago Images/Xinhua/Liu Dawei

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता ट्रूडी लैंग का कहना है कि जब तक वैज्ञानिक इस बात का पता लगा रहे हैं कि नया वायरस आखिरकार कैसे फैलता है, तब तक मास्क एक बहुत ही समझदारी भरा एहतियात का कदम है.

लेकिन इनमें से कोई भी निष्कर्ष कड़े शोध पर आधारित नहीं है. डेनिसन कहते हैं कि किसी ने भी मास्क पहने हुए और उतारे हुए लोगों के समूह को नए कीटाणु का सामना करा कर उनके बीच तुलना नहीं की है. 2017 में स्वास्थ्यकर्मियों के बीच किये गए एक अध्ययन ने ये संकेत जरूर दिया था कि मास्क से सार्स वायरस से थोड़ी सुरक्षा मिलती है. लेकिन इस अध्ययन के लेखकों ने ये भी कहा था कि "मौजूदा सबूत अपर्याप्त हैं और निष्कर्ष अस्थिर."

नए वायरस से संक्रमित होने से बचने का सबसे अच्छा तरीका है हाथों को साबुन और पानी से धोना. अगर ये उपलब्ध नहीं हैं तो एल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. आम सर्दी और फ्लू के वायरसों से बचने के लिए भी यही सलाह दी जाती है.

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन मास्क की उन लोगों के लिए अनुशंसा करता है जिनका या तो नए वायरस के लिए परीक्षण हो रहा हो, या जिनके अंदर उसके होने की पुष्टि हो गई हो या वे ऐसे लोगों के परिवार के सदस्य या उनका ख्याल रखने वाले हों. सीडीसी ने कहा हवाई जहाज के क्रू को रोगी यात्रियों को मास्क देना चाहिए.

वो स्वास्थ्यकर्मी जो इस वायरस से संक्रमित रोगियों का इलाज कर रहे हैं उन्हें सीडीसी सलाह देता है कि वो रंगीन चश्मे या फेस शील्ड जैसे अतिरिक्त एहतियात जरूर बरतें. यूनिसेफ ने कहा है कि उसने स्वास्थ्यकर्मियों के इस्तेमाल के लिए छह मीट्रिक टन सांस लेने के मास्क और रक्षात्मक सूट भेज दिए हैं. 

सीके/आरपी (एपी) 

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