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कोरोना: भारत में पहली बार एक दिन में एक लाख से ज्यादा मामले

चारु कार्तिकेय
५ अप्रैल २०२१

भारत में पहली बार एक दिन में एक लाख से ज्यादा कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं. कई राज्यों में स्थिति गंभीर है. महाराष्ट्र में सप्ताहांत पर तालाबंदी लागू की जाएगी.

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Covid-19-Graffitis | Indien
तस्वीर: Arun Sankar/AFP/Getty Images

रविवार चार अप्रैल को देश में कुल 1,03,558 मामले दर्ज किए गए. देश में महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार एक दिन में इतने ज्यादा मामले दर्ज किए हैं. इसके पहले 16 सितंबर को 97,894 मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन उसके बाद मामलों में गिरावट देखने को मिली थी. ताजा मामलों में लगभग आधे (57,700) अकेले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए. राज्य सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं.

शनिवार और रविवार को पूरी तरह से तालाबंदी लागू कर दी गई है, बाकी दिनों के लिए भी रात में कर्फ्यू लगा दिया गया है, एक स्थान पर पांच लोगों से ज्यादा के इकठ्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. महाराष्ट्र के कई इलाकों से एक बार फिर प्रवासी श्रमिकों के अपने अपने गांवों की तरफ लौट जाने की भी खबरें भी आ रही हैं.

महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भी हालात चिंताजनक हैं. जानकारों का कहना है कि संक्रमण की यह लहर पिछली बार से ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि इस बार संक्रमण ज्यादा तेजी से फैल रहा है. केंद्र सरकार का मानना है कि मामलों में हो रही यह बढ़ोतरी मास्कों के इस्तेमाल में कमी और सामाजिक दूरी बरतने में कोताही की वजह से है.

Indien Holi Festival
कोरोना वायरस का एक पुतला जिसे हाल ही में मुंबई में होली पर होलिका दहन के दौरान जलाया गया.तस्वीर: Rajanish Kakade/AP/picture alliance

सरकार ने एक बयान में कहा है कि लोग महामारी से उक्ता भी गए हैं और जहां जहां ज्यादा मामले आ रहे हैं वहां स्थानीय प्रशासन की तरफ से रोकथाम के कदम उठाए जाने में भी कमी दिखाई दे रही है. संक्रमण के मामलों में यह उछाल ऐसे समय पर देखने को मिला रहा है जब चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधान सभा चुनाव चल रहे हैं.

पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में सभी पार्टियां और उनके प्रत्याशी रोज चुनावी रैलियां कर रहे हैं, जिनमें भारी भीड़ देखी जा रही है. इसी बीच टीकाकरण कार्यक्रम भी धीमी गति से चल रहा है. अब देश में 45 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को टीका लगवाने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन उतने लोग टीका लगवाने के लिए आगे आ नहीं रहे हैं जितनी सरकार को उम्मीद थी.

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