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कॉमनवेल्थ खेल और अयोध्या विवाद

३० सितम्बर २०१०

मैच प्वाइंट, लाइफ़ लाइन, कॉमनवेल्थ खेलों और राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद के बारे में श्रोता क्या कहते हैं, आईए जाने----

https://p.dw.com/p/PQi4
डॉयचे बानतस्वीर: AP
मैच प्वाइंट में कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के पदक जीतने की उम्मीदों पर दी गई जानकारी सुन्दर लगी. भारतीय ज़ायक़ों के सम्बन्ध में विदेशी खिलाडियों का आकर्षण स्वाभाविक लगा. धन्यवाद कॉमनवेल्थ खेलों पर लगातार जानकारी देते रहने के लिए.

लाइफ़ लाइन में जर्मनी के इको मालगाड़ी के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी अद्भुत एवम हैरतग्रेज़ लगी. आधुनिकता के इस दौर में पर्यावरण के संचारण हेतु इस प्रकार के प्रयोग की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं. बिना ज़हरीली गैस के उत्सर्जन के कार्बन डाई ऑक्साइड रहित इस इको मालगाड़ी का निर्माण बहुत ही स्वागत योग्य हैं, जिस के लिए जर्मनी की जितनी भी प्रशंसा की जाए वे कम होगी. वैकल्पिक ऊर्जा के द्वारा संचालित पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने वाली इको मालगाड़ी के प्रारंभ होने का हमें बेसब्री से इंतज़ार रहेगा कि कब यह परिवहन का प्रमुख साधन बनेगा ?

अतुल कुमार, राजबाग रेडियों लिस्नर्स क्लब, सीतामडी़, बिहार

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आजकल पूरे भारत के साथ सारी दुनिया में भारत में आयोजित हो रहे कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन को लेकर कई प्रकार के विवाद हो रहे हैं. हम सब भारतीयों को सोचना चाहिए की दुनिया में जहां कहीं भी बड़े कार्यक्रम आयोजित होते हैं तो 100% संतोषजनक होते हैं ? कहीं न कहीं कुछ ख़ामीया रह जाती है .2008 केबैजिंग ओलंपिक से पहले कई प्रकार की खामियां रही थी जिस को सभी ने देखा. फिर भी मीडिया की सकारता से चीन को बहुत ही सारा श्रेय दिया गया. कॉमनवेल्थ खेलों के कारण कहीं कुछ गड़बड़ी हुई है , पर उस से ज्यादा जितना कुछ हुआ है उसको नज़र अंदाज क्यों किया जा रहा है ? इतने बड़े बड़े अच्छे स्टे बनाए गये हैं, पूरा खेल गाँव विश्व कक्षा का बनाया गया है बहुत सारी सुविधा नई दिल्ली में हो गयी है. फिर भी कई मामूली बातों को लेकर बखेड़ा हो रहा है. दुनिया को भारत की अच्छी तस्वीर बताने के लिए हम भारत वासी क्यूं पीछे रह जाते हैं . सच में जो कुछ बना है वह इतिहास में कभी न देखा गया है . मुझे इस आयोजन पर बहुत ही गौरव हो रहा है . अपने देश के स्वाभिमान के लिए जो अच्छा है, उसको बताना चाहिए.

Indien Commonwealth Games 2010 Jawaharlal Nehru Stadion
जवाहर लाल नेहरू स्टेडियमतस्वीर: AP

भारत पर विदेशीयों को पहले से ही प्यार है . कई लोग बिना किसी आयोजन भारत आते रहते हैं, सदियों से विदेशी लोग भारत में आते रहे हैं.इस आयोजन को देखकर दुनिया के लोग दंग रह जाएंगे.

नन्जी जनजानी, भुज कच्छ

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रेत के कलाकार सुदर्शन के बारे में और रेत की कलाकारी पर आपने ढेर सारी सामग्री परोसी

है, पढकर और देखकर बहुत प्रसन्नता हुई. लेकिन एक बात कहीं बेहद प्रेरणादायक थीं कि सुदर्शन जैसे कलाकार के सम्मान से ज्यादा रोजी रोटी की चिंता हैं. भारतीय कलाकार, कथाकार या शिल्पी सभी बड़ी मुफलिसी में ज़ीने के लिए मजबूर है, क्योंकि उन्हें संरक्षण नहीं.

प्रमोद महेश्वरी, शेखावती, राजस्थान

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Zerstörung einer Moschee löst Religionskrieg in Indien aus
तस्वीर: dpa - Bildarchiv

मंदिर मस्जिद विवाद पर अदालत के फ़ैसले का आए हम सम्मान करें. दोस्ती भाईचारे को कायम रखें. हिन्दू मुसलिम उसी तरह मिलकर रहें जैसे हमारे हाथ की सारी उंगलियां एक साथ हैं. हम एक है और एक ही रहेगें. मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना.

डॉ. एस एस भट्टाचार्य, मिदनापुर, पश्चिम बंगाल

डॉ.हेमंत कुमार, भागलपुर, बिहार

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भारत में स्थिती सबसे भयानक है. जब से भारत में गेंहू और चावल की वैज्ञानिक खेती जिसे हरित क्रांति का नाम दिया गया है शुरू हुई है तब से वानस्पतिक तथा जैव विविधताओं.का बहुत पतन हुआ है. लगातार हमारे वन, स्थाई चरोखर और बाग बगीचे जुताई आधारित खेतों में और ये खेत रेगिस्थान में तब्दील हो रहे हैं. बिना जुताई की कुदरती खेती करने से समस्या पर काबू पाया जा सकता है.

राजू टाइटस

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संकलनः कवलजीत कौर

संपादनः आभा एम