कैसे हैं रमजान के रीति-रिवाज
इस्लाम में रमजान को आध्यात्मिक और शारीरिक शुद्धि का समय माना जाता है. दुनिया भर में लोग इसका पालन करते हैं. स्थानीय परंपराओं से लेकर इस दौरान किये जाने वाले सभी दस्तूरों पर डालिए एक नजर.
इस्लाम का पवित्र महीना
हर साल दुनिया भर के हजारों लाखों मुस्लिम लोग इस्लाम के इस पवित्र माह रमजान में उपवास का पालन करते हैं, साथ ही प्रार्थना करते हैं और दान भी देते हैं. कई तरीकों से मुसलमान लोग इस पवित्र मौके पर अपनी श्रद्धा जाहिर करते हैं.
चांद देखना
रमजान के महीने का निर्धारण चंद्रमा के दर्शन पर निर्भर करता है. हालांकि कुछ लोग चांद निहारने के लिये दूरबीन या किसी अन्य यंत्र का इस्तेमाल करते हैं तो कोई ऐसे ही नंगी आंखों को चांद को देखता है. इसलिए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रमजान की शुरुआत अलग अलग दिनों में होती है.
प्रार्थना
रमजान के इस महीने का सबसे अहम हिस्सा प्रार्थना को माना जाता है. रमजान की शुरुआत एक खास प्रार्थना तरावी के साथ की जाती है. रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग स्थानीय मस्जिदों में प्रार्थना करते हैं.
कुरान-पाठ
उपवास का ये महीना आध्यात्मिक अनुशासन और शुद्धि की अवधि को दर्शाता है. मसलन इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान को पढ़ना और सुनाना रमजान के इस अवसर का एक अभिन्न अंग है.
स्थानीय परंपरा
हालांकि इस्लाम में रमजान के दौरान रीति रिवाज निर्धारित हैं लेकिन कई जगहों की अपनी स्थानीय परंपराएं हैं. सारायेवो में हर दिन उपवास खोलने के लिये पारंपरिक रूप से तोप का गोला दागा जाता है. मिस्र में लालटेनों को सजाकर लटका दिया जाता है.
उपवास खोलना
आज भी कई मुस्लिम अपना उपवास पारंपरिक रूप से खजूर खाकर तोड़ते हैं. ऐसी मान्यता है कि पैगंबर मुहम्मद अपना उपवास इसी फल को खाकर खोलते थे. उपवास के समापन पर मुस्लिम रात्रि भोज करते हैं जिसे इफ्तार कहा जाता है.
ईद-उल-फितर
औपचारिक रूप से ईद-उल-फितर इस उपवास के महीने का समापन होता है. इस दौरान अधिकतर परिवार अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, करीबियों के लिये दावतें सजाते हैं. मिठाइयां भेंट की जाती है. कुल मिलाकर इसे खुशी का अवसर माना जाता है. (लुइस सैंडर्स/एए)