एक लाख डीएनए की कोडिंग
१ अगस्त २०१४यह परियोजना इतनी महत्वपूर्ण है कि इसकी घोषणा प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने की है. उन्होंने मैपिंग प्रोजेक्ट के लिए 38 करोड़ यूरो की राशि मुहैया करने की घोषणा की है. यह परियोजना 2017 तक पूरी हो जाएगी. इसमें कैंसर और दुर्लभ बीमारियों वाले 75,000 मरीजों और उनके करीबी रिश्तेदारों के जेनेटिक कोड जमा किए जाएंगे. कैंसर के मरीजों की स्वस्थ और बीमार, दोनों ही तरह की कोशिकाओं की मैपिंग होगी, जिसकी वजह से डीएनए कोड मैपिंग की कुल संख्या 1,00,000 हो जाएगी.
परियोजना के खर्च के लिए हुए समझौते का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री कैमरन ने कहा, "इस समझौते की वजह से ब्रिटेन कुछ ही सालों में जेनेटिक रिसर्च में दुनिया में अगुआ होगा." उन्होंने कहा कि इस योजना के पूरा होने से गंभीर बीमारियों का पता लगाने और उनका इलाज करने का तरीका ब्रिटेन और पूरी दुनिया में बदल जाएगा. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि बीमारी को उकसाने वाले जेनेटिक कोड में छोटे परिवर्तनों की शिनाख्त से मरीजों का प्रभावी इलाज संभव हो सकेगा.
इस तरह की थेरापी का एक उदाहरण हर्सेप्टिन है. यह दवा हर2 जीन की अतिसक्रियता वाले ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करती है. एक पाइलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ सौ लोगों ने अपने डीएनए सैंपल दिए हैं और उम्मीद की जा रही है कि साल के अंत तक स्वैच्छिक रूप से दान देने वालों की संख्या बढ़कर 10,000 हो जाएगी. कैंसर के जिन प्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है उनमें पेट, छाती, ल्यूकीमिया, लंग, ओवरी और प्रोस्टैट शामिल है.
इस प्रोजेक्ट में चैरिटी द वेलकम ट्रस्ट, मेडिकल रिसर्च काउंसिल और ब्रिटेन का नेशनल हेल्थ सर्विस हिस्सा ले रही है. प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई संस्था जेनोमिक्स इंग्लैंड के पास है. इस परियोजना को तकनीकी की आपूर्ति करने का ठेका कैलिफोर्निया की डीएनए सिक्वेंसिंग कंपनी इल्युमीना को दिया गया है. वह इस परियोजना में 20 करोड़ यूरो का निवेश करेगी.
वेलकम ट्रस्ट के डाइरेक्टर जेरेमी फरार ने कहा है कि जीनोम सिक्वेंसिंग से चिकित्सा में आमूल परिवर्तन हो सकता है. "अब से 20 सालों में शोध संस्थान और उद्योग ऐसे इलाज विकसित कर लेंगे जो आप पर और कैंसर के खास रूपों पर लक्षित होंगे." जेरेमी फरार ने कैंसर के मरीजों और उनके रिश्तेदारों के लिए उम्मीद की नई किरण जगाते हुए कहा, "20 साल बाद हम पीछे मुड़कर देखेंगे और साइड इफेक्ट पैदा करने वाली कीमोथेरेपी की दवाएं अतीत की बात होगी."
एमजे/ओएसजे (एएफपी)