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काहिरा में हिंसा थमी पर तनाव जारी

२४ नवम्बर २०११

चार दिन की हिंसक झड़प के बाद मिस्र की राजधानी काहिरा में बुधवार की रात शांतिपूर्ण रही. हालांकि तहरीर चौक पर अब भी हजारों प्रदर्शनकारी जमा हैं जो मांग पूरी न होने तक वहां अड़े रहने का दावा कर रहे हैं.

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तस्वीर: dapd

तहरीर चौक पर प्रदर्शन कर रहे 30 साल के ओसामा अबू सेरी ने कहा, "हम झड़पों को रोकना चाहते हैं. लोग मर रहे हैं. पुलिस पर पत्थर फेंकने वाले किशोर हैं." बुधवार शाम प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच समझौता हुआ. प्रदर्शनकारियों ने तहरीर चौक पर ही जमे रहने की मांग की. इसकी अनुमति देते हुए पुलिस ने उनसे शहर के अन्य इलाकों में हिंसक प्रदर्शन बंद करने को कहा.

सैन्य परिषद से नाराजगी

बीते शनिवार से शुरू हुई हिंसा में अब तक आधिकारिक तौर पर 30 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. प्रदर्शनकारियों के निशाने पर अब सीधे सैन्य परिषद के प्रमुख फील्ड मार्शल मोहम्मद हुसैन तनतावी हैं. तहरीर चौक पर लहरा रहे एक बैनर में तनतावी के बारे में लिखा गया है, "उन्हें जाना है, हम नहीं जाएंगे."

Mohamed Hussein Tantawi Vorsitzender des Obersten Rats der Streitkräfte in Ägypten
मोहम्मद तनतावीतस्वीर: dapd

आम लोगों के ऐसे ही प्रदर्शन के चलते इसी साल 11 फरवरी को राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. 30 साल तक राज करने वाले मुबारक के सत्ता से हटने के बाद सेना ने देश की कमान अपने हाथ में ली. सेना ने वादा किया कि देश में जल्द चुनाव होंगे और लोकतंत्र की बहाली होगी.

विपक्ष का आरोप है कि सेना लोकतंत्र की बहाली के बजाय अपने राज को लंबा खींचने की कोशिश कर रही है. देश में अगले हफ्ते संसदीय चुनाव हैं. प्रदर्शनकारियों को आशंका है कि सेना की सर्वोच्च परिषद किसी न किसी तरह सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाह रही है. उनके मुताबिक सैन्य अधिकारी ऐसा संविधान बनाने में लगे है जो नई सरकार चुने जाने के बावजूद सेना को बहुत ज्यादा अधिकार देगा.

तनतावी पर शक

सैन्य परिषद ने इसी महीने की शुरुआत में प्रस्तावित संविधान के मसौदे के लिए कई बातें तय कीं. दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सेना आम निगरानी से अलग रहेगी. परिषद की अगुआई सैन्य अधिकारी फील्ड मार्शल मोहम्मद हुसैन तनतावी कर रहे हैं, तनतावी मुबारक के करीबी माने जाते हैं. मुबारक के कार्यकाल के दौरान वह रक्षा मंत्री के साथ साथ देश के उप प्रधानमंत्री भी नियुक्त किए गए. आरोप लगते हैं कि तनतावी बदलाव के खिलाफ सख्त रुख अपनाने वाले सैन्य अधिकारी हैं.

Ägypten Demonstrationen
तस्वीर: dapd

मिस्र में 28 नवंबर को संसदीय चुनाव होने है. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने में तीन महीने का वक्त लगेगा. लेकिन ताजा प्रदर्शनों के बाद चुनावों की तिथि आगे बढ़ाए जाने की बात होने लगी है. गृह मंत्री मंसूर अल असावी ने सैन्य परिषद को एक रिपोर्ट सौंपी है. अरब जगत के समाचार चैनल अल जजीरा के मुताबिक रिपोर्ट में चुनाव टालने की सिफारिश की गई है. अज्ञात सूत्र के हवाले से चलाई जा रही इस खबर की फिलहाल आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है.

रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स/ ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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