काला धन मामले में 60 पर मुकदमा
९ फ़रवरी २०१५जेटली ने यह बात पत्रकारों की अंतरराष्ट्रीय संस्था आईसीआईजे द्वारा एचएसबीसी की एक सूची के खुलासे के बाद कही. इसमें बड़े उद्योगपतियों और राजनीतिक नेताओं समेत कुछ अन्य भारतीयों के नाम हैं. आईसीआईजे ने इस बार ब्रिटिश बैंक एचएसबीसी की स्विस शाखा को निशाना बनाया है. विभिन्न देशों में आज जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि एचएसबीसी की स्विस शाका ने ढेर सारी अंतरराष्ट्रीय शख्सियतों को करोड़ों यूरो कर अधिकारियों से छुपाने में मदद दी.
रिसर्च टीम की रिपोर्ट के अनुसार बैंक के अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों ने बैंक में अरबों यूरो जमा करवाए जिनमें से बहुत सारा धन ब्लैकमनी था. 200 देशों के 1,00,000 ग्राहकों के खातों की जांच के बाद रिपोर्ट में कहा गया है कि 2007 में बैंक में 75 अरब यूरो पार्क किए गए थे. बैंक ने हथियार विक्रेताओं और ब्लड डायमंड के तस्करों के साथ कारोबार किया और मुनाफा कमाया.
ये दस्तावेज एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी हैर्वे फाल्चियानी ने बैंक से चुराए थे और 2009 में फ्रांसीसी कर अधिकारियों को सौंप दिए थे. फ्रेंच अधिकारियों ने ये जानकारियां कर संबंधी जांच पड़ताल के लिए दूसरे देशों को भी सौंपी थी. रिपोर्ट का कहना है कि भारत, रूस, ब्रिटेन और अफ्रीकी देशों के मौजूदा और पूर्व राजनीतिज्ञ भी शामिल हैं.
भारत में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि विदेशों में जमा काले धन के मामले में 60 अवैध खाताधारकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरु हो चुकी है. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में सरकार के पास 628 नाम थे जिनमें से 350 खातों की जांच पूरी हो चुकी है और बाकी खातों की जांच 31 मार्च तक पूरी हो जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि अवैध खाताधारकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
अरुण जेटली ने कहा कि शुरुआत में सरकार को मिले 628 लोगों के खाते सभी स्विस बैंकों में नहीं थे बल्कि केवल एचएसबीसी के थे. उस बैंक ने यह जानकारी किसी देश को दी थी जहां से यह भारत पहुंची. तत्कालीन सरकार ने स्विटजरलैंड की सरकार से संपर्क किया था. पिछले सात आठ महीने में मामले में तेजी आयी है. अधिकांश नामों की पहचान कर ली गयी है.
एक अंग्रेजी दैनिक में विदेशी बैंकों में काला धन रखने वाले कुछ लोगों के नाम प्रकाशित होने के बाद जेटली ने मीडिया को बताया कि आज जो नाम सामने आए हैं उनकी जानकारी भारत सरकार को थी. उन्होंने कहा कि काला धन मामले पर गठित की गई विशेष जांच समिति पड़ताल करने में जुटी हुई है. दैनिक ने करीब 60 लोगों के नाम प्रकाशित किए हैं जिसमें उद्योगपति, नेता, और अन्य लोग शामिल हैं.
एमजे/आईबी (एएफपी, पीटीआई, वार्ता)