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कार एनीवे चले अपने आप

३० सितम्बर २०१२

सौ किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली कारों का काफिला. क्या आप यकीन कर सकते हैं कि ये कारें बिना किसी ड्राइवर के चल रही हैं और इन पर दूरदराज एक कमरे से नजर रखी जा रही है.

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तस्वीर: DW

तेज रफ्तार है और दुर्घटना का टेंशन भी नहीं. नई हाई टेक कार को तैयार किया है क्रिस्टॉफ श्टिलर और मार्टिन लाउअर ने. ऑटोमैटिक कार एनीवे को कार्ल्सरूह की प्रयोगशाला में बनाया गया है. श्टिलर बताते हैं, "कॉग्निटिव कार एक ऐसी कार होती है जो देख सकती है और समझ सकती है कि क्या देख रही है. सब कुछ समझ कर वह अपने हिसाब से रास्ते पर चलने की योजना भी खुद ही बना ले. और इस तरह से लंबे समय के लिए बिना दुर्घटना के चले."

कार्ल्सरूह की इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में ऑटोमैटिक कारों पर परीक्षण किया गया. शुरुआत में तो यह कार इधर उधर टकराती लेकिन इसमें लगा सॉफ्टवेयर इतना स्मार्ट है कि यह अपनी ही गलतियों से सबक लेता है और इसलिए हर बार नई गलती करता है.

कैसे सीखे

सबसे जरूरी है कि कार देखना सीखे. वह सड़कों की जानकारी जुटा कर उन्हें समझ पाए. इसके लिए वैज्ञानिकों ने कार्ल्सरूह की सड़कों पर बार बार चक्कर लगाया. कार के ऊपर स्कैनर और कैमरा लगाया गया जो सड़कों की थ्री डायमेंशनल इमेज देता.

कार को दूसरी कार से मिले आंकड़ों के आधार पर चलना है. रडार और रेडियो सिग्नल से दूसरी गाड़ियों की स्थिति पता चलती रहती है. तेज चलना, ब्रेक लगाना, दूरी बनाए रखना सब अपने आप होता है. सबसे महत्वपूर्ण है कि कार अपने आप चल रही है. हालांकि आपात स्थिति के लिए स्टीयरिंग पर एक ड्राइवर चाहिए.

टेस्टिंग के लिए बनाई गई कारों की क्षमता को प्रतियोगिता के द्वारा आंका जाता है. कि ये कारें मुश्किल ट्रैफिक में कैसे फैसला लेती हैं और आपात ड्राइवर को हर पांच मिनट में स्टीयरिंग पर हाथ लगाने की जरूरत तो नहीं पड़ती. उम्मीद है कि जल्द ही इसका व्यावसायिक मॉडल भी बाजार में आ सकेगा.

रिपोर्ट: क्रिस्टोफ ष्टिलर/आभा मोंढे

संपादनः ईशा भाटिया