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कश्मीरी अलगावादियों के आयकर जांच होः फारुख अब्दुल्ला

१२ सितम्बर २०११

भारत सरकार के मंत्री और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्लाह ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी और दूसरे अलगाववादी नेताओं की आयकर विभाग से जांच कराने की मांग की है.

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तस्वीर: UNI

फारुख अब्दुल्लाह के मुताबिक पिछले साल कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए युवाओं और जलाए गए चरारे शरीफ दरगाह को फिर से बनाने के नाम पर बड़ी रकम जमा की गई. जम्मू के एक समारोह में आए फारुख अब्दुल्लाह ने पत्रकारों से कहा, "आयकर विभाग को गिलानी और दूसरे नेताओं के खिलाफ जांच शुरू करनी चाहिए. इन लोगों ने  विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए युवाओं और चरारे शरीफ को बनाने के नाम पर बहुत पैसा जमा किया है. जब दरगाह को जलाया गया तब गिलानी ने कहा कि वो इसे फिर से बनाने के लिए सरकार से पैसा नहीं लेंगे. लेकिन वो तीन करोड़ रुपये कहां गए जो इसके नाम पर उन्होंने जमा किए. उन्होंने इसका हिसाब नहीं दिया है."

Der ehemalige Ministerpräsident des indischen Bundesstaates Jammu und Kashmir Dr. Farooq Abdullah
तस्वीर: Fotoagentur UNI

गिलानी पर निशाना लगाते हुए जम्मू कश्मीर की सत्ताधारी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के नेता अब्दुल्लाह ने कहा, "वह अपने लोगों से क्या कह रहे हैं. जब पिछले साल बच्चे मारे गए तो उनके नाम पर पैसा जमा किया गया. यह पैसा कहां गया. इसकी जरूर जांच होनी चाहिए." अब्दुल्लाह ने ये भी आरोप लगाया कि अलगाववादी अज्ञात स्रोतों से पैसा हासिल कर रहे हैं और अधिकारी इसका पता लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं.

Syed Ali Shah Geelani Kaschmir
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हम सब जानते हैं कि अलगाववादियों को हर जगह से पैसा मिल रहा है. हवाला के रास्ते पैसा आ रहा है. हाल के दिनों में हवाला से जुड़े लोगों को पकड़ पाने में हम नाकाम रहे हैं. इन लोगों के पास पैसा आ रहा है बल्कि बरस रहा है." केंद्रीय मंत्री ने जोर दे कर कहा कि अलगाववादियों का कोई भविष्य नहीं है क्योंकि उत्तर भारतीय जम्मू कश्मीर राज्य कहीं नहीं जाने वाला. फारुख ने कहा, "यह राज्य कहीं नहीं जाएगा. अलगाववादी अपने लिए जगह बनाना चाहते हैं. हम राजनेताओं को उनके लिए वह जगह बनानी होगी जिससे कि वो राष्ट्रीय राजनीति में काम कर सकें."

Proteste in Kaschmir
तस्वीर: AP

फारुख अब्दुल्लाह ने अब राज्य की राजनीति की कमान अपने बेटे उमर अब्दुल्लाह के हाथों में सौंप दी है और खुद राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गए हैं. उमर अब्दुल्लाह जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री हैं. फारुख केंद्र सरकार में नई और फिर से इस्तेमाल की जाने वाली ऊर्जा विभाग के मंत्री हैं. पिछले साल जम्मू कश्मीर की फिजा विरोध प्रदर्शनों की आंच से तपती रही. विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के साथ हुई झड़पों में 100 से ज्यादा कश्मीरी युवा मारे गए. जब भी कोई मौत होती तो उसके विरोध में प्रदर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ती और इसी दौरान फिर किसी की जान जाती. इस तरह से पूरे साल विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला चलता रहा. राज्य में तैनात सुरक्षाबलों पर इस दौरान तरह तरह के आरोप लगे. हाल ही में बड़ी संख्या में सामूहिक कब्रों के मिलने की बात भी सामने आई है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक इन कब्रों में अलग अलग जगहों पर हजारों लोगों को दफनाया गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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