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कर्नाटक के बागी विधायकों की सुप्रीम कोर्ट में जीत

१३ मई २०११

एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर का विश्वास मत से ठीक पहले 16 सदस्यों को अयोग्य करार देने का निर्णय सही नहीं था. पिछले साल इसी फैसले ने बीएस येदियुरप्पा की सरकार बचाई थी.

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Supreme Court of India
तस्वीर: cc-by-nc-sa roop1977

जस्टिस अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने स्पीकर के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि इसमें संविधान की मूलभूत भावना और कुदरती न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है. विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया ने बीजेपी के 11 बागी और पांच निर्दलीय विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला बीजेपी के चार विधायकों की याचिका पर दिया है. विधायकों ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी. हाई कोर्ट ने स्पीकर के फैसले को सही ठहराया था.

पिछले साल अक्तूबर और नवंबर महीनों में कर्नाटक में खासा बड़ा राजनीतिक ड्रामा हुआ था. बीजेपी सरकार से उसके 11 विधायकों ने बगावत कर दी थी. उन्होंने पांच निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इस कारण सरकार अल्पमत में आ गई और उसे विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना पड़ा. लेकिन विश्वास मत से ठीक एक दिन पहले स्पीकर बोपैया ने सभी बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया. वे लोग वोट नहीं डाल सके और येदियुरप्पा सरकार विश्वास मत हासिल करने में कामयाब हो गई.

रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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