कब कब नहीं दिया गया साहित्य का नोबेल
साहित्य का नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक स्थापित 5 नोबेल पुरस्कारों में से एक है और हर साल दिया जाता है. इस साल कुछ विवादों के कारण यह पुरस्कार स्थगित किया गया है. इसे अगले साल दिया जाएगा.
पहला नोबेल पुरस्कार
साहित्य का पहला नोबेल पुरस्कार 1901 में फ्रांस के सुली प्रुधोम को दिया गया था. तब उन्हें पुरस्कार के रुप में डेढ़ लाख स्वीडिश क्रोनर दिए गये थे. आज की मुद्रा से तुलना करें तो यह करीब 88.23 लाख स्वीडिश क्रोनर के बराबर है.
2018 का पुरस्कार 2019 में
इस साल का नोबेल पुरस्कार अगले साल यानी 2019 में दिया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि विवादों में घिरने की वजह से पुरस्कारों का चयन करने वाली कमेटी का कहना है कि वह तय समय में पुरस्कार विजेता के नाम का फैसला नहीं कर सकती.
नहीं दिए गए पुरस्कार
अब तक कुल सात बार ऐसा हुआ है जब साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया. ये साल हैं 1914, 1918, 1935, 1940, 1941, 1942, 1943.
महिलाओँ को साहित्य नोबेल
शांति पुरस्कारों के बाद साहित्य दूसरा ऐसा नोबेल पुरस्कार है जिसमें सबसे ज्यादा 14 महिला विजेता हैं. भौतिकी, रसायन और अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कारों में अब तक ज्यादातर पुरुषों का ही दबदबा रहा है. जीव विज्ञान के लिए अब तक 11 बार महिलाओं को पुरस्कार दिए गए हैं.
दो लोगों को साहित्य नोबेल
शुरुआत से लेकर अब तक केवल चार बार ऐसा हुआ है जब दो लोगों को संयुक्त रूप से साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया. ये साल हैं, 1904, 1917, 1966, 1974. साल 2017 तक कुल 114 लोगों को नोबेल साहित्य पुरस्कार मिला है.
फ्रांस का जलवा
साहित्य के नोबेल पुरस्कारों में फ्रांसीसी साहित्यकारों ने खूब कमाल किया है. सबसे ज्यादा 16 बार उन्होंने नोबेल पुरस्कार जीते हैं. उनके बाद अमेरिका और ब्रिटेन के साहित्यकार हैं जिन्होंने 11 -11 बार यह पुरस्कार जीता है.
नोबेल लेने से इनकार
1958 में रूसी लेखक बोरिस पास्तरनाक को सोवियत सरकार ने पुरस्कार लेने से सार्वजनिक तौर पर इनकार करने के लिए विवश किया. दूसरी तरफ 1964 में फ्रांसीसी लेखक जाँ पॉल सार्त्र ने खुद ही नोबेल पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. नोबेल कमेटी इनकार को नहीं मानती और इनका नाम विजेताओं की सूची में है.
भारत को नोबेल का साहित्य
भारत को सिर्फ एक बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला है. 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को गीतांजलि के लिए नोबेल साहित्य का पुरस्कार दिया गया.