कड़े सुरक्षा घेरे में पेरिस का आइफिल टावर
फ्रांस 2015 से ही आतंकी हमलों के खिलाफ हाई-अलर्ट पर है. सुरक्षा घेरे को मजबूत करने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही. अब दुनिया के सात अजूबों में शामिल पेरिस के आइफिल टावर को भी कड़े सुरक्षा घेरे में डाल दिया गया है.
चारों ओर से घिरा
दुनिया में फ्रांस की पहचान बन चुके आइफिल टावर को किसी भी तरह के हमले से बचाने के लिए इसके चारों ओर कड़ी घेराबंदी की गई है. यहां लगाया गया बुलेटप्रूफ ग्लास इसे किसी भी प्रकार के गनफायर से बचाएगा. साथ ही ट्रक से हमला करने वाले आत्मघाती हमलावरों का भी यह मुकाबला कर सकेगा.
ग्लास और टावर
बुलेटप्रूफ ग्लास तकरीबन 6.5 सेमी मोटा है. यह टावर पर दो तरफ से घेरा बनाता है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी आइफिल टावर पर काफी खतरा मंडराता रहा. फ्रांस की सेना को डर था कि हिटलर की सेना आइफिल टावर को सूचना निकलवाने के लिए इस्तेमाल कर सकती है.
मेटल बैरियर
बाकी दो तरफ धातु से बना कांटेदार बेड़ा लगाया गया है. इसकी लंबाई 3.24 मीटर है. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान आइफिल टावर को नष्ट करने के आदेश भी दिए गए थे. लेकिन एफिल टावर इस बुरे वक्त से बिना किसी नुकसान के बाहर निकल आया.
कड़ी सुरक्षा
पहले पर्यटक सीधे आइफिल टावर में प्रवेश कर सकते थे, लेकिन आतंकी हमलों के चलते फ्रांस हाई अलर्ट पर है. साल 2015 से लेकर अब तक आतंकी हमलों में यहां करीब 240 लोगों की जान चली गई है.
निर्माण कार्य जारी
आइफिल टॉवर के एक तरफ बुलेटप्रूफ ग्लास का घेरा बनाया जा रहा है. यह देश के प्रतीक बन चुके इस आकृति की 3.5 करोड़ यूरो की सुरक्षा परियोजना का हिस्सा है.
टावर और ग्लास
इस नई घेराबंदी के अलावा आतंकवादी निरोधी दस्ते टावर के आस-पास गश्त भी लगाते रहते हैं. जून 2016 से ही टावर के निचले हिस्से में अस्थायी घेराबंदी बनी हुई है.
जोश कम नहीं
घेराबंदी होने से पर्यटकों के जोश में किसी तरह की कमी आने का फिलहाल तो कोई अंदेशा नहीं है. उम्मीद है कि 2018 में तकरीबन 70 लाख लोग आइफिल टावर को देखने आएंगे.
घेरे की योजना
सुरक्षा घेरे का काम इस साल जुलाई तक पूरा हो जाना चाहिए. यह आइफिल टावर के कायाकल्प से जुड़ी 30 करोड़ यूरो की परियोजना का हिस्सा है. अधिकतर काम 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक के पहले पूरा होना प्रस्तावित है.
कैसे बना
आइफिल टावर का नाम इसे बनाने वाले गुस्ताव आइफिल के नाम पर पड़ा. उनकी कंपनी ने इसे 1887-89 के दौरान बनाया. फ्रांसीसी क्रांति के सौ साल पूरे होने के अवसर पर इसे बनाया गया था.