कट्टरपंथियों को रोकने की कोशिश
इराक इस्लामिक स्टेट के कट्टरपंथियों पर काबू पाने की कोशिश कर रहा हैं. अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देश हवाई हमलों में मदद कर रहे हैं. इतना ही नहीं कुर्दों के लिए अमेरिका विमानों से हथियार डाल रहा है.
संघर्ष जारी
आईएस के खिलाफ संघर्ष में अमेरिका ने कुर्दों की मदद के लिए विमानों से छोटे हथियार डालना शुरू किए हैं. आईएस ने दावा किया था कि कुछ हथियार उन्हें मिल गए हैं. लेकिन अमेरिका ने इस दावे को खारिज करते हुए इसे आईएस का प्रचार करार दिया.
नियंत्रण की लड़ाई
तुर्की की सीमा से कुछ ही दूर सीरिया में कोबानी के लिए सघन संघर्ष चल रहा है. आईएस इस पर कब्जा करना चाहता है और अंतरराष्ट्रीय गठबंधन इसे रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है.
खिलाफत की स्थापना
इराक में 2006-2007 के दौरान अमेरिकी सेना के खिलाफ विद्रोह में आईएस एक संगठन के रूप में उभरने लगा. सुन्नी मूल के यह लड़ाके जॉर्डन, सीरिया, लेबनान, फलीस्तीन और इराक को मिलाकर एक खिलाफत बनाना चाहते हैं जो शरिया कानून से चलेगा. अल नुसरा जैसे संगठन भी इनके साथ मिल कर काम कर रहे हैं.
विद्रोहियों की मदद
आईएस से लड़ाई में विद्रोही गुटों की मदद ली जा रही है. तुर्की से भी अपील की गई थी कि वह कुर्दों को सैन्य मदद करे. जबकि तुर्की में कुर्दों की पार्टी पीकेके आतंकवादी संगठन है. लंबे अवरोध के बाद तुर्की ने कुर्दों को मदद करना स्वीकार किया है.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
अमेरिका के नेतृत्व में फ्रांस और ब्रिटेन इराक में आईएस पर हमले कर रहे हैं. अमेरिका ने आईएस के खिलाफ लड़ रहे विद्रोहियों को 50 करोड़ डॉलर की मदद देने का फैसला किया.
कुर्दों का मकसद
अमेरिका चाहता है कि इराक की सरकार सुन्नी और कुर्द सदस्यों के साथ एक नया प्रशासन खड़ा करे. इराक और सीरिया में कुर्द मूल के लोग काफी हद तक स्वायत्त हैं और आईएस के खिलाफ अपनी सेना यानी पशमेर्गा के साथ जुड़े हुए हैं.
हजारों की मौत
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का कहना है कि इस साल की शुरुआत से चल रहे संघर्ष में 10,000 लोग मारे गए हैं. इनमें यजीदी समुदाय जैसे अल्पसंख्यक भी शामिल हैं. आईएस लड़ाकों पर यह भी आरोप है कि उन्होंने 1,500 इराकी सैनिकों का जनसंहार किया है और उन्हें तिकरित के पास दफना दिया है.
लाखों शरणार्थी
इस संघर्ष के दौरान इराक और सीरिया दोनों देशों से कई लोग विस्थापित हुए हैं. इराक के लोग स्वायत्त कुर्द इलाकों में तो सीरिया के लोग तुर्की में सुरक्षा की तलाश कर रहे हैं.