1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ऑस्ट्रेलिया में नीरस पैकेटों में बिकेगी सिगरेट

२१ नवम्बर २०११

भीमकाय अंतरराष्ट्रीय तंबाकू कंपनी फिलिप मॉरिस ऑस्ट्रेलिया की सरकार पर मुकदमा करने जा रही है. कंपनी को एक कानून से दिक्कत है जिसके मुताबिक सिगरेट को सादे पैकेटों में बेचा जाएगा.

https://p.dw.com/p/13E9N
तस्वीर: isyste - Fotolia.com

फिलिप मॉरिस एशिया (पीएमए) की प्रवक्ता ऐन एडवर्ड्स ने एक बयान जारी कर कहा, "हमारे पास और कोई विकल्प नहीं बचा है. सरकार ने कानून तो पास कर दिया है, जबकि वह इस बात का भरोसा नहीं दिला पाई धूम्रपान कम कराने में यह प्रभावशाली होगा. सरकार ने ऑस्ट्रेलिया में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सादी पैकिंग के बारे में जाहिर की जा रही गंभीर कानूनी चिंताओं को भी नजरअंदाज कर दिया है."

इस नए कानून के मुताबिक एक दिसंबर 2012 से ऑस्ट्रेलिया में बिकने वाले हर तंबाकू उत्पाद की पैकिंग सादी होनी चाहिए. सिगरेट खाकी रंग के नीरस पैकेट में बेची जाएगी जिस पर बड़े आकार में सिर्फ चेतावनी लिखी होगी.

क्या चाहती हैं कंपनियां

सरकार ने कहा है कि यह कानून ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में जनता के स्वास्थ्य के लिए उठाए गए अहम कदमों में गिना जाएगा और तंबाकू कंपनियों को संसद की इच्छा का सम्मान करना चाहिए. हॉन्गकॉन्ग की कंपनी पीएमए अब चाहती है कि कानून पर अस्थायी रोक लगाई जाए. साथ ही कंपनी का ऑस्ट्रेलिया में कारोबार और निवेश है, उसके लिए हॉन्गकॉन्ग और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक व्यापार समझौते के तहत मुआवजा दिया जाए. कंपनी के मुताबिक उसे अरबों डॉलर का नुकसान होगा और कानून प्रक्रिया को दो तीन साल लग जाएंगे. एडवर्ड्स ने कहा, "हमें पूरा भरोसा है कि हमारे कानूनी तर्क बहुत मजबूत हैं और हम इस केस को जीत जाएंगे."

ऑस्ट्रेलिया में पीएमए की संबद्ध कंपनी फिलिप मॉरिस लिमिटेड भी घरेलू कानूनों के तहत ऑस्ट्रेलिया की सर्वोच्च अदालत में अपील करने के बारे में विचार कर रही है.

Flash-Galerie Rauchen und Gesundheit
जिंदगी को बुझाती सिगरेटतस्वीर: AP

क्या है तंबाकू कंपनियों की परेशानी

तंबाकू कंपनियों का कहना है कि पैकिंग से सारे लोगो हटाने और उसकी जगह बस कंपनी का नाम लिखने के नियम से उनके मुनाफे में भारी कटौती होगी. और बाजार में नकली उत्पादों की बाढ़ आ जाएगी क्योंकि सादी पैकिंग की नकल तैयार करना आसान है.

इसलिए ऑस्ट्रेलिया का यह नया कानून सभी कंपनियों को परेशान कर रहा है. एक अन्य विशाल तंबाकू कंपनी ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको ऑस्ट्रेलिया ने महीने की शुरुआत में कहा था कि कानून पास हो जाने के बाद वह सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाएगी. उसका कहना है कि बिना मुआवजा दिए ट्रेडमार्क और अन्य इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी हटाना असंवैधानिक है.

Anti-Raucher-Kampagne
तस्वीर: AP

सरकार का रुख

लेकिन ऑस्ट्रेलिया की सरकार इस प्रतिक्रिया के लिए पहले से ही तैयार थी. स्वास्थ्य मंत्री निकोला रॉक्सन ने कहा कि सरकार कानूनी लड़ाई के लिए तैयार है क्योंकि यह कानून देश में धू्म्रपान को कम करने के लिए बनाया गया है. ऑस्ट्रेलिया के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 15 हजार लोगों की मौत धूम्रपान से जुड़ी बीमारियों की वजह से होती है.

रॉक्सन ने कहा, "सादी पैकिंग का मतलब होगा कि धूम्रपान से ग्लैमर हटा देना. तब सिगरेट वैसी दिखेंगी जैसी उनकी सच्चाई है. यानी ऐसी चीज जो हजारों ऑस्ट्रेलियाई परिवारों को बर्बाद कर रही है. हम जानते हैं कि कंपनियों के पास पैकिंग के रूप में एक आखिरी लेकिन बेहद ताकतवर जरिया है जिसके दम पर वे नए लोगों को अपने घातक उत्पाद की ओर आकर्षित करती हैं." रॉक्सन ने कहा कि भविष्य में सिगरेट के पैकेट लोगों को सिर्फ उसके घातक नतीजों की जानकारी देंगे.

अमेरिका में भी धूम्रपान को हतोत्साहित करन के लिए सरकार ऐसी कोशिश कर रही थी. उसकी कोशिश थी कि सिगरेट के पैकेटों पर ग्राफिक चेतावनी छापी जाए, मसलन तंबाकू की वजह से खराब हो चुके फेफड़ों की तस्वीर कैंसर से खराब हो चुका मुंह. लेकिन एक अदालत ने उसकी कोशिश को पूरा होने से यह कहकर रोक दिया कि इसे तंबाकू कंपनियां बोलने की आजादी का उल्लंघन कह सकती हैं.

रिपोर्टः एएफपी/वी कुमार

संपादनः ओ सिंह

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें