एक हार कर सकती है पंजाब की छुट्टी
२ अप्रैल २०१०पंजाब की टीम 2008 में सेमीफाइनल तक पहुंची और पिछले साल वह टूर्नामेंट में पांचवें स्थान पर रही. वहीं इस बार उसने अपने घरेलू मैदान पर सभी तीन मैच हारे हैं और अब तक उसे एक ही जीत नसीब हुई है. पिछला मैच किंग्स इलेवन पंजाब ने मुंबई इंडियंस से हारा. इस मैच में पंजाब की टीम को अपने नियमित कप्तान कुमार संगकारा के बिना ही खेलना पडा था क्योंकि धीमी गति से ओवर कराने के चक्कर में उन पर एक मैच की पाबंदी लगी थी. पंजाब की टीम को इस टूर्नामेंट में तीसरी बार तय समय में ओवर पूरे न करने की सज़ा मिली है.
पंजाब के धांसू बल्लेबाज युवराज सिंह अब तक फ्लॉप ही साबित हुए हैं. सात मैचों में उन्होंने कुल मिलाकर 100 के आसपास रन बनाए हैं. महेला जयवर्धने भी नाकाम ही रहे हैं.
इस बार युवराज सिंह की जगह कप्तानी कर रहे कुमार संगकारा भी छह मैचों में बल्लेबाजी के कोई जौहर नहीं दिखा पाए हैं. रनों के लिए टीम इंग्लैंड के खिलाड़ी रवि बोपारा और कुछ हद तक इरफान पठान पर निर्भर दिखी. वहीं शाउन मार्श भी टीम के लिए भरोसेमंद रहे हैं. मुंबई इंडियंस के खिलाफ अपने पहले मैच में उन्होंने हाफ सेंचुरी लगाई.
टीम में ब्रैट ली की वापसी से गेंदबाजी में धार आने की उम्मीद थी लेकिन वह अब तक नाकाम ही रहे हैं. पठान और सलभ श्रीवास्तव भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं.
वहीं अनिल कुंबले की कप्तानी में बंगलौर ने अपने सात मैचों में चार जीते हैं और वह अंक तालिका में तीसरे स्थान पर है. दक्षिणी अफ्रीकी ऑल राउंडर ज्याक कालिस गेंद और बल्ले, दोनों से जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं. मनीश पांडे भी किसी से कम नहीं है. टीम में केविन पीटरसन और कैमरन व्हाइट की मौजूदगी से भी बैटिंग को ताकत मिली है. रॉबिन उथप्पा भी टीम के लिए अहम योगदान देने में पूरी तरह सक्षम हैं.
गेंदबाजी में प्रवीण कुमार और डेल स्टेन का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है जबकि विनय कुमार ने भी साबित किया है कि वह बल्लेबाजों पर लगाम कस सकते हैं.
अब अगर पंजाब की टीम आईपीएल में बने रहना चाहती है तो उसे कमाल का प्रदर्शन करना होगा. एक हार ही टूर्नामेंट में उसके आगे बढ़ने का रास्ता बंद कर सकती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः प्रिया एसेलबोर्न