उत्तर कोरिया ने फिर दागी बैलेस्टिक मिसाइल
२९ नवम्बर २०१७दक्षिण कोरिया की योनहाप एजेंसी ने बुधवार को खबर दी कि मिसाइल दक्षिण प्योंगयांग प्रांत में सैन नि नाम की जगह से दागी गयी है. जल्द ही दक्षिण कोरिया और अमेरिका के अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि की और कहा मिसाइल जापान सागर में आकर गिरी है.
उत्तर कोरिया से बोले ट्रंप: "हमें मत आजमाना"
एक मशीन ने उत्तर कोरिया को ताकतवर बना दिया
इसके बाद उत्तर कोरिया के सरकारी टीवी पर प्रसारित एक बयान में कहा गया कि उत्तर कोरिया ने एक नयी तरह की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किया है जिसका नाम ह्वासोंग-15 है. उत्तर कोरिया का दावा है कि यह उसकी पिछली बैलेस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-14 से ज्यादा ताकतवर है और पूरे अमेरिकी महाद्वीप में कहीं भी मार करने में सक्षम है. बयान में कहा गया है कि नये परीक्षण का मतलब है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु ताकत वाला देश बनने का लक्ष्य हासिल कर लिया है.
जापान, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अधिकारी इस बात पर सहमत है कि जिस मिसाइल का परीक्षण किया गया, वह शायद बैलेस्टिक मिसाइल ही है. उनका कहना है कि मिसाइल साढ़े चार हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर 960 किलोमीटर की दूर तय करते हुए समंदर में उस जगह पर गिरी जो जापान के अधिकारक्षेत्र में आती है.
ट्रंप अमेरिका को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल रहे हैं?
चीन को भी दुश्मन बना लेगा उत्तर कोरिया?
अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने भी कहा है कि यह उत्तर कोरिया की अब तक की सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ने वाली मिसाइल थी. इससे पहले उत्तर कोरिया ने 15 सितंबर को बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जब जापान के होक्काइदो द्वीप के ऊपर से उड़ती हुई उसकी मिसाइल प्रशांत महासागर में गिरी थी. उसी महीने उत्तर कोरिया ने अपना सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण भी किया था, जब संभवतः उसने हाइड्रोजन बम विस्फोट किया था.
उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल परीक्षण पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा, "यह ऐसी परिस्थिति है जिसे हम संभाल लेंगे." इसके अलावा उन्होंने कोई ब्यौरा नहीं दिया. व्हाइट हाउस ने कहा है कि जब मिसाइल हवा में उड़ रही थी, तभी राष्ट्रपति को इस परीक्षण के बारे में जानकारी दे दी गयी. ट्रंप उस समय कैपिटल हिल पर रिपब्लिकन सीनेटरों से मिल रहे थे.
अमेरिकी रक्षा मैटिस ने कहा है कि उत्तर कोरिया विश्व शांति, क्षेत्रीय शांति और निश्चित रूप से अमेरिका को खतरे में डाल रहा है. वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने उत्तर कोरिया पर ज्यादा से ज्यादा दबाव डालने को कहा है. उन्होंने कहा, "इस तरह के भड़काऊ कदम को निश्चित रूप से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. यह मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुट मजबूत इच्छा पर हमला है." उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि उत्तर कोरिया के खिलाफ लगाये गये प्रतिबंधों को पूरी तरह से लागू किया जाए. वहीं दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जाए इन ने भी उत्तर कोरिया के परीक्षण की कड़ी निंदा की है. उनके मुताबिक ऐसा अनुमान था कि उत्तर कोरिया यह कदम उठायेगा.
एके/ओएसजे (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)