ईडेन में सीरीज़ जीतने की कोशिश करेगा भारत
२४ दिसम्बर २००९टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दो मैचों की पाबंदी झेल रहे हैं और सिर्फ़ दिल्ली में होने वाले पांचवें मैच में ही खेल सकते हैं. मुश्किल युवराज सिंह के न होने से भी होगी, जिनकी अंगुली में चोट लगी है और जो पूरी वनडे सीरीज़ से बाहर होंगे. टीम की कप्तानी का ज़िम्मा एक बार फिर वीरेंद्र सहवाग को उठाना है.
पांच में से दो वनडे जीत चुकी भारतीय टीम कोलकाता के ईडेन गार्डेन्स में ही मामला साफ़ कर देना चाहेगी. यहां जीत मिली तो सीरीज़ में 3-1 की बढ़त भी मिलेगी यानी टूर्नामेंट की जीत. लेकिन श्रीलंका को भी कमतर आंकना ग़लत साबित होगा, जिसने पहले के दो वनडे में बहुत अच्छी बल्लेबाज़ी की है. वह सीरीज़ बराबर करने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा सकती है.
घायलों की सूची सिर्फ़ भारतीय टीम में ही नहीं, श्रीलंकाई टीम में भी है. उसके भी कई खिलाड़ी चोटिल हैं.
भारतीय टीम को बल्लेबाज़ी में कोई परेशानी नहीं है और कई बैट्समैन फ़ॉर्म में चल रहे हैं. अगर कप्तान सहवाग और सचिन तेंदुलकर टीम को अच्छी शुरुआत दे देते हैं तो आगे के बल्लेबाज़ों को कोई मुश्किल नहीं होगी. ये दोनों ही ज़बरदस्त फ़ॉर्म में हैं. बाद में गौतम गंभीर, सुरेश रैना और दिनेश कार्तिक जैसे बल्लेबाज़ टीम को बड़े स्कोर की ओर खींच सकते हैं.
हालांकि कम मैचों के अनुभव रखने वाले खिलाड़ियों दिनेश कार्तिक, विराट कोहली और युवराज सिंह की जगह टीम में शामिल होने वाले तीसरे बल्लेबाज़ पर थोड़ा दबाव भी होगा.
भारतीय टीम का शानदार नेतृत्व कर रहे धोनी मैदान के बाहर रहेंगे और उनकी ग़ैरमौजूदगी में दो खिलाड़ियों को ख़ुद को साबित करने का बहुत बड़ा मौक़ा होगा. पहला वीरू को, जो चाहेंगे कि धोनी के लौटने से पहले ही वह भारतीय टीम को जीत दिला दें और सीरीज़ जीतने वाली टीम के कप्तान के तौर पर स्थापित हो जाएं. सहवाग की कप्तानी में कटक में भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया और कभी भी ऐसा नहीं लगा कि टीम अपने नियमित कप्तान के बग़ैर खेल रही है.
दूसरा, दिनेश कार्तिक को, जो बेहतरीन बल्लेबाज़ और विकेटकीपर हैं, लेकिन धोनी की वजह से जिनकी टीम में जगह पक्की नहीं है. कार्तिक ने कटक में जो आख़िरी चौका लगाया, उसकी वजह से भी उन्हें कई जगह सवालों के घेरे में खड़ा किया गया. वह कोलकाता के ऐतिहासिक ईडेन गार्डन पर अच्छी बल्लेबाज़ी करके ख़ुद को साबित कर सकते हैं.
इम्तिहान भारतीय गेंदबाज़ों का होगा. अब तक उन्होंने मिला जुला प्रदर्शन किया है लेकिन कोलकाता में उन्हें बेहतर खेल दिखाना होगा, तभी टीम की नैया पार लग सकती है. टीम इंडिया को सबसे बड़ा ख़तरा श्रीलंका के तूफ़ानी ओपनर तिलकरत्ने दिलशान से होगा, जो बेहतरीन फ़ॉर्म में हैं और जिन्होंने भारतीय गेंदबाज़ों का डिब्बा गुल कर रखा है. कटक में जीत के बाद कप्तान सहवाग ने भी माना था कि दिलशान का विकेट गिरने के बाद ही उनकी जीत सुनिश्चित हो सकी.
हालांकि श्रीलंका के सामने भी गेंदबाज़ी की समस्या मुंह बाए खड़ी है. ऑफ़ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन पहले ही सीरीज़ से बाहर हो चुके हैं, जबकि दूसरे गेंदबाज़ बहुत ज़्यादा छाप छोड़ पाने में नाकाम रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एस गौड़