इस्लाम की छवि सुधारने की कोशिश
५ सितम्बर २०१५न्यूयॉर्क से चलने वाले इस्लामिक सर्कल ने उत्तर अमेरिका के 100 शहरों को नए बिलबोर्डों के लिए चुना है. इनमें बोस्टन, न्यूयॉर्क, फीनिक्स, सेन डियेगो, एल पासो और ऑस्टिन, टेक्सास और लास वेगास समेत कई अहम शहर हैं. बिलबोर्डों पर इस तरह के वाक्य लिखे गए हैं, "मुहम्मद शांति, सामाजिक न्याय, महिला अधिकारों पर यकीन करते थे." "मुहम्मद ने हमेशा प्रेम की शिक्षा दी, न कि नफरत की. शांति की सीख दी न कि हिंसा की." बिलबोर्डों पर एक वेबसाइट और फोन नबंर भी दिया गया है ताकि ज्यादा जानकारी के इच्छुक संपर्क कर सकें.
संगठन के प्रमुख नईम बेग के मुताबिक पेरिस में शार्ली एब्दो पत्रिका के कार्यालय व एक जनरल स्टोर पर इस्लामिक उग्रवादियों के हमले के बाद उन्हें यह विचार आया. हमले में तीन हमलावरों समेत 20 लोग मारे गए. बेग के मुताबिक हमलावरों ने पैगंबर मुहम्मद की सीख को गलत ढंग से लिया, इसीलिए अमेरिकी मुस्लिम समुदाय सही संदेश को सामने लाना चाहता है. बोस्टन में इस अभियान के असर कुछ अलग है. 2013 में बोस्टन मैराथन के दौरान हुआ बम धमाका अब भी कई लोगों के जेहन में है. बेग कहते हैं, "यही अभियान का मुख्य संदेश भी है कि हर समुदाय में कट्टरपंथी हैं." दो भाइयों द्वारा किये उस बम हमले में तीन लोग मारे गए और 260 घायल हुए. अभियोजन पक्ष के मुताबिक हमलावर अमेरिका को मुस्लिम देशों में युद्ध छेड़ने के लिए दंडित करना चाहते थे.
बेग कहते हैं, "मुसलमान होने के नाते, जब कोई मेरी आस्था और पैगंबर की शिक्षा के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है तो मुझे भी बुरा लगता है." नईम बेग के मुताबिक हिंसा करने वाले "राह से भटके, जीवन में दिशाहीन और निजी जीवन में चुनौतियां झेल रहे हैं और बहाने के लिए इस्लाम की आड़ लेते है." अभियान में स्वयंसेवक बने कॉलेज छात्र बिलाल सिद्दिकी के मुताबिक हॉटलाइन पर फोन करने वाले कई लोगों ने पहले बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. लेकिन टेलीफोन पर किसी जानकार व्यक्ति से बात करने के बात उनके सुर बदले, "वे और ज्यादा सीखना चाहते हैं."
बोस्टन में तीन बिलबोर्ड लगे हैं. ऑटो पार्ट्स स्टोर में काम करने वाले विल्हेर्म एडवर्ड भी पास लगे एक बिलबोर्ड को लगभग रोज ही देखते हैं. उन्हें लगता है कि अभियान अच्छा विकल्प है. विल्हेर्म काम काज के सिलसिले में हर तरह के लोगों के मिलते हैं. वह कहते हैं, "मैं अब तक जिनसे मिला हूं वे सभी अच्छे लोग हैं." बिलबोर्ड अभियान को वह सराहनीय मानते हैं. हालांकि बोस्टन कल्चरल सेंचर की इस्लामिक सोसाइटी के महानिदेशक युसूफी वाली अभियान से बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं, "हमें लगता है कि काम शब्दों से ज्यादा बोलता है. अगर आप सच्चे हैं तो लोग आपकी तारीफ करेंगे, वो भी संदेशों और मार्केटिंग से ज्यादा. मुझे लगता है कि हम अपने कर्मों और व्यवहार से लोगों का हृदय परिवर्तन कर सकते हैं."
ओएसजे/एमजे (एपी)