इस्तांबुल हमले में इस्लामिक स्टेट पर शक
२९ जून २०१६तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल के एयरपोर्ट को मंगलवार रात आतंकियों ने निशाना बनाया. तीन हमलावर टैक्सी से एयरपोर्ट पहुंचे और सिक्योरिटी गेट पर लगी लंबी लाइन देखकर उन्होंने ऑटोमैटिक रायफलों से फायरिंग शुरू कर दी. थोड़ी देर बाद हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया.
तुर्क प्रधानमंत्री बिनाली यिलदिरिम के मुताबिक हमले में 41 लोगों की जान गई. करीब 150 लोग घायल हैं. प्रधानमंत्री ने इस्लामिक स्टेट पर शक जताया है. वहीं इस्लामिक स्टेट ने अब तक इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है. सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी सामने आए हैं. एक वीडियो में भागते लोग और फिर सुरक्षाकर्मी की गोली से गिरता हमलावर भी दिख रहा है.
हमले के बाद एयरपोर्ट के आस पास की सड़कों को सील कर दिया गया है. अमेरिका समेत कई देशों ने इस्तांबुल जाने वाली और वहां से आने वाली उड़ानें टाल दी हैं. इस्लामिक स्टेट के प्रति नरमी दिखाने का आरोप झेल रहे तुर्क राष्ट्रपति रेचप तैयब एर्दोवान ने दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई से जुड़ने का आह्वान किया है. दुनिया भर के देशों ने हमले की निंदा की है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने आतंकवाद से संघर्ष में मदद की बात कही है.
अतातुर्क एयरपोर्ट दुनिया का 11वां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है. बीते साल यहां से 6.2 करोड़ लोगों ने यात्रा की. टर्किश एयरलाइंस के मुताबिक हमले के कारण तयशुदा उड़ानों पर असर पड़ा है. एयरलाइन ने अपने मुसाफिरों को होटलों में ठहराया है.
अधिकारियों ने बताया है कि मरने वाले में अधिकतर तुर्की के ही नागरिक हैं लेकिन उनमें कुछ विदेशी भी थे. हमले में किसी भारतीय के मारे जाने की खबर नहीं है. भारत के विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा है कि देश में एयरपोर्टों की सुरक्षा को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है.
तुर्की बीते एक साल से आए दिन आतंकवादी हमले झेल रहा है. इसी साल अब तक इस्लामिक स्टेट दो आत्मघाती हमले कर चुका है. वहीं एक हमला कुर्द उग्रवादियों ने किया. इराक के साथ लगी तुर्की की दक्षिणपूर्वी सीमा में कुर्द रहते हैं. कुर्दों का आरोप है कि शुरुआत में तुर्की ने इस्लामिक स्टेट को मदद दी, ताकि कुर्दों को निशाना बनाया जा सके. तुर्की में बड़ी संख्या में कुर्द रहते हैं.