इलाज करता है बहता पानी
१६ दिसम्बर २०१६टॉमी वोल्स्ट पेशेवर तैराक हैं और लगातार अपने प्रदर्शन को बेहतर करना चाहते हैं. इसके लिए खास ट्रेनिंग वह एक वॉटर चैनल में करते हैं. खिलाड़ी जितना मजबूत, बहाव भी उतनी ही ताकतवर. फिटनेस और बेहतर ट्रेनिंग के लिये ये जरूरी है. टॉमी भले ही आगे न बढ़ पा रहे हों लेकिन तेज बहाव के खिलाफ वे अपनी जगह डटे हुए हैं. फिटनेस और परफॉर्मेंस बेहतर हो रही है.
उनके हर मूवमेंट को कैमरे से रिकॉर्ड किया जा रहा है. यहां हर तरह की ट्रेनिंग हो सकती है, तेज या फिर काफी देर तैरते रहने की. कैमरे में दर्ज वीडियो से समीक्षा की जाती है. ट्रेनर डिर्क फ्रांके इसकी अहमियत जानते हैं, "स्पोर्ट्स में टॉप लेवल पर यही बारीकियां निर्णायक होती हैं. फ्लो चैनल का फायदा यह है कि इसके जरिये हम पानी के भीतर हाथ और पैरों के एंगल देख सकते हैं और उनके आधार पर तैराक को अहम निर्देश दे सकते हैं कि ये करो या वो करो."
बहाव के विरुद्ध तैरना सिर्फ तैराकों के लिए ही नहीं है, ट्रायथेलॉन और पेंटाथेलॉन के खिलाड़ी भी अपने प्रदर्शन की समीक्षा करने यहां आते हैं. फायदे एकदम साफ हैं. चैनल में बहाव की रफ्तार को अनगिनत तरह से एडजस्ट किया जा सकता है, मसलन जीरो से 2.5 मीटर प्रति सेकेंड तक. तेज बहाव तो ताकतवर तैराक के लिए भी बड़ा मुश्किल होता है.
हल्के बहाव के खिलाफ तैरना मोशन थेरेपी के लिए भी एकदम मुफीद है. इससे मांसपेशियां भी ताकतवर होती हैं. लाइपजिग टेक्निकल सेंटर फ्रांक सेलिन के मुताबिक, "स्थिर पानी के बजाय फ्लो चैनल में चोट या बीमारी से उबरना ज्यादा प्रभावशाली होता है. इसमें प्लवनशीलता, मालिश जैसा असर और रक्त प्रवाह संबंधी फायदे मिलते हैं."
शरीर को बैलेंस करने की ट्रेनिंग हो या बॉडी अवेयरनेस ऑप्टिमाइजेशन. बहता पानी इसमें बहुत फायदेमंद है और नतीजे भी जल्द ही सामने आने लगते हैं. इंसानों के साथ साथ फ्लो चैनल में जानवरों को लाया जाता है. पानी में कुत्ते, घोड़े या ऊंट, अपने पैरों को स्ट्रेच कर सकते हैं. गुनगुने पानी से सेक भी लगती है और मांस पेशियों की स्ट्रेचिंग भी होती है.
ओएसजे/वीके