इन कंपनियों को भारत ने दिए सीईओ
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को भारतीय चला रहे हैं. लोगों की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि क्या एप्पल भी इस सूची में जुड़ेगा. जानिए किन किन कंपनियों को भारत ने दिए हैं सीईओ.
सत्या नडेला, माइक्रोसॉफ्ट
हैदराबाद के सत्या नडेला 2014 में अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बने. भारत में स्नातक करने के बाद नडेला उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए. 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ने से पहले वह सन माइक्रोसिस्टम्स के लिए काम कर रहे थे.
सुंदर पिचाई, गूगल
आईआईटी के सुंदर पिचाई गूगल के सीईओ बनने के बाद से लगातार सुर्खियों में हैं. चेन्नई से नाता रखने वाले पिचाई ने 2004 में गूगल के साथ अपना सफर शुरू किया. गूगल के संस्थापक लैरी पेज ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि वे खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं कि सुंदर पिचाई जैसा प्रतिभाशाली व्यक्ति गूगल को चला रहा है.
इंद्रा नूयी, पेप्सीको
राजस्व के अनुसार पेप्सीको दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी खाद्य और पेय उत्पाद बनाने वाली कंपनी है और भारत की इंद्रा नूयी इसकी सीईओ हैं. उन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर 100 महिलाओं में गिना जाता है. नूयी ने भी भारत में स्कूली शिक्षा हासिल की और फिर उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गयीं.
शांतनु नारायण, अडोबी
अडोबी सिस्टम्स के सीईओ शांतनु नारायण ने भी सत्या नडेला की तरह हैदराबाद पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की. नारायण ने अपने करियर की शुरुआत एप्पल के साथ की.
राजीव सूरी, नोकिया
मोबाइल फोन के इस्तेमाल के साथ नोकिया घर घर में जाना जाने वाला नाम बन गया था. नोकिया जब माइक्रोसॉफ्ट मोबाइल के साथ जुड़ा, तब राजीव सूरी नोकिया के सीईओ बने. सूरी ने मणिपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी से पढ़ाई की है.
अजयपाल सिंह बंगा, मास्टरकार्ड
2010 से बंगा अमेरिकी कंपनी मास्टरकार्ड को संभाल रहे हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक करने वाले बंगा ने आईआईएम अहमदाबाद से मास्टर की डिग्री हासिल की.
इवान मेनेजेस, डियाजियो
ब्रिटिश कंपनी डियाजियो के सीईओ हैं इवान मेनेजेस. इन्होंने भी आईआईएम हैदराबाद से ही मास्टर की डिग्री हासिल की. डियाजियो दुनिया की सबसे बड़ी शराब बनाने वाली कंपनी है.