इतिहास में आज: 23 जुलाई
२२ जुलाई २०१९विद्रोही समूह उत्तरी और पूर्वी इलाके को स्वतंत्र प्रांत बनाने की कोशिश में था. सालों चले इस संघर्ष में अस्सी हजार से ज्यादा जानें गई. इस संघर्ष के दौरान इस्तेमाल किए गए विद्रोह के तरीके के चलते संयुक्त राष्ट्र और भारत समेत 32 देशों ने उन्हें आतंकवादी संगठन करार दिया.
18 मई 2009 को श्रीलंका की सरकार ने तमिल विद्रोहियों के साथ चल रही जंग के खत्म होने का एलान किया.
सेना ने देश के उत्तरी हिस्से पर कब्जा किया और लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन को मार दिया गया. सेना के मुताबिक अंतिम लड़ाई में 250 विद्रोही मारे गए. 72,000 लोगों को युद्ध से प्रभावित इलाकों में अपना घर छोड़ कर जाना पड़ा. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2009 में 20 जनवरी और 7 मई के बीच 7,000 लोग मारे गए थे. राजीव गांधी की सरकार ने 1987 में श्रीलंका में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना को भेजा था. इस बात से एलटीटीई राजीव गांधी से नाराज हो गया. इसी नाराजगी के चलते एलटीटीई ने 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.