इतिहास में आज: 22 जून
२१ जून २०१४अर्जेंटीना के करीब फाल्कलैंड्स द्वीपों पर अब भी ब्रिटेन का नियंत्रण है. अर्जेंटीना इन पर अपना अधिकार जताता है और ब्रिटेन को कब्जावर कहता है. अप्रैल 1982 में ये विवाद गर्मा उठा. अर्जेंटीना की सेना फाल्कलैंड्स की तरफ बढ़ी. इसके जवाब में ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर ने 110 जहाज और 28,000 सैनिक भेज दिए. दो महीने तक चली लड़ाई में 907 लोग मारे गए. इनमें ज्यादातर अर्जेंटीना के सैनिक थे. 14 जून को अर्जेंटीना को आत्मसमर्पण करना पड़ा.
अर्जेंटीना को हार की टीस चुभती रही. चार साल बाद 22 जून 1986 को फुटबॉल वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना का सामना इंग्लैंड से हुआ. सेमीफाइनल के उस मैच में दोनों टीमों के लिए हार का मतलब राष्ट्रीय अपमान था. पहला गोल अर्जेंटीना का स्टार डियेगो माराडोना ने किया. इस गोल पर बहुत विवाद हुआ. असल में मैराडोना हेडर मारने के लिए उछले लेकिन उन्होंने गेंद को हाथ से गोल में डाल दिया. यह सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि रेफरी को भनक तक नहीं लगी. इसे गोल करार दिया गया. इंग्लैंड के खिलाड़ी चीखते रह गए, लेकिन रेफरी का नतीजा नहीं बदला. पांच मिनट बाद मैराडोना ने एक और गोल दागा. इसे फुटबॉल इतिहास के सबसे अच्छे गोलों में गिना जाता है. इंग्लैंड एक ही गोल उतार सका और 1-2 से हारकर बाहर हो गया.
मैच के बाद जब डियेगो माराडोना से हाथ से किये गोल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुआ कहा, "ये थोड़ा सा मैराडोना के सिर की मदद से और थोड़ा से भगवान के हाथ की मदद से" हुआ. इसके बाद पश्चिम जर्मनी को हराकर अर्जेंटीना ने वर्ल्ड कप जीता. अर्जेंटीना के विश्व विजेता बनने से इंग्लैंड और झल्लाया. दोनों देशों के कूटनीतिक संबंध 1989 तक टूटे रहे.
2005 में मैराडोना ने पहली बार माना कि उन्होंने हाथ की मदद से गोल किया. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने फाल्कलैंड्स के मसले पर इंग्लैंड पर तंज कसते हुए कहा, "जो कोई चोर के यहां डकैती करता है उसे 100 साल की माफी मिल जाती है."
अर्जेंटीना आज भी इंग्लैंड से हारना पसंद नहीं करता. फुटबॉल के मैदान पर कुछ ऐसी ही कट्टर प्रतिस्पर्धा जर्मनी और इंग्लैंड के बीच भी है.