इतिहास में आज: 10 जनवरी
९ जनवरी २०१५लंदन की तेज रफ्तार और भीड़ भाड़ वाली जिंदगी में मेट्रो सेवा के आने से बड़ी क्रांति आई. 10 जनवरी, 1863 को लंदन में मेट्रो सेवा को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए खोल दिया गया. मेट्रो सेवा की योजना के बाद इसे अंजाम देने के लिए 1853 में इस काम की जिम्मेदारी चीफ इंजीनियर सर जॉन फॉलर को दी गई. दस साल बाद पहली बार पैडिंगटन से फैरिंगडॉन स्ट्रीट स्टेशनों के बीच यह ट्रेन चली, जो मेट्रोपोलिटन लाइन पर थी. ट्यूब के नाम से मशहूर लंदन की अडरग्राउंड रेल सेवा दर्जन भर से ज्यादा रूट और 270 स्टेशनों के बीच चलती है.
मेट्रो के आने से आज दुनिया के कई बड़े शहरों में रोजमर्रा का सफर आम आदमी के लिए आसान हो गया है. लंदन की अंडरग्राउंड रेल सेवा दुनिया की पहली मेट्रो व्यवस्था थी, कई दूसरे बड़े शहरों में मेट्रो सेवा लाने के लिए लंदन मेट्रो की व्यवस्था को आदर्श बनाया गया. शहर भर में मकड़ी के जाल की तरह फैले मेट्रो के रूट इसके आसान से मैप से भली तरह समझे जा सकते हैं. लंदन अंडरग्राउंड के अलग अलग रूटों को अलग अलग रंग देकर मैप में तब्दील करने का काम 1933 में किया गया. अब दुनिया भर की मेट्रो रेल सेवाएं इसी की नकल करते हुए अपने मैप तैयार करती हैं.
भारत के पहली मेट्री (कोलकाता) की शुरुआत 1984 में हुई जबकि दिल्ली की मेट्रो 2002 में ही शुरू हुई. आज दिल्ली और एनसीआर इलाकों में लोगों के लिए सफर करने का यह सस्ता और आसान तरीका है.