इतिहास में आजः 15 अगस्त
१४ अगस्त २०१३विज्ञापन
वह ब्रिटिश राज से भारत को आजादी दिलाने के संघर्ष में शामिल हुए. अपने आप को पूरी तरह संघर्ष में झोंक देने के बाद उन्हें आध्यात्म का रास्ता दिखाई दिया. उन्होंने मानव विकास और आध्यात्मिक इवोल्यूशन की थ्योरी दी.
कैम्ब्रिज के किंग्स कॉलेज से पढ़े ऑरबिन्दो ने बरोड़ा महाराज के लिए भी काम किया. उन्होंने कई क्रांतिकारी लेख लिखे, जिसके कारण उन्हें जेल में कैद किया गया.
पॉन्डेचरी (पुदुचेरी) में उन्होंने मीरा अलफासा (द मदर) के साथ मिल कर ऑरबिन्दो आश्रम, ऑरोविल 1926 में शुरू किया. भारत में अंग्रेजी साहित्य लिखने वाले वह मुख्य लेखक हैं. उनकी कविताएं और आध्यात्म से जुड़े लेख तो मशहूर हैं ही. उनके नाटकों में भी भारतीय दर्शन और एलीजाबेथन शैली का सुंदर मिश्रण है.
पांच अगस्त 1950 को उनका देहांत हुआ.