इंडोनेशिया ने तस्करों को मौत के घाट उतारा
२९ अप्रैल २०१५"बाली 9" नाम से मशहूर मुकदमे के आठ दोषियों को नुसाकामबांगन द्वीप ले जाया गया. मंगलवार शाम आठों ने मोमबत्ती जलाई. भगवान को याद करते हुए गीत गाए. इसके बाद आधी रात में उन्हें बाहर निकाला गया. उनके सामने फायरिंग दस्ते के 12 जवान थे. रात 12 बजकर 34 मिनट पर उन्हें गोली मारी गई.
मंगलवार शाम ही यह तय हो चुका था कि इंडोनेशिया सभी नौ दोषियों को तयशुदा समय पर मौत की सजा देगा. लेकिन आखिरी पलों में फिलीपींस की महिला की सजा टाल दी गई. 30 साल की मैरी जैन वेलोसो के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं. वेलोसो के दो बच्चे हैं. सजा टलने के बाद उनके एक बेटे ने कहा, "मां जीती रहेगी."
वेलोसो को पांच साल पहले मलेशिया से 2.6 किलोग्राम ड्रग्स इंडोनेशिया लाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसी मामले में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई. लेकिन मंगलवार को एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ. फिलीपींस के अधिकारियों के सामने एक महिला पहुंची और उसने वेलोसो को ड्रग्स पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करने का दावा किया. फिलीपींस के अधिकारियों ने इंडोनेशिया को यह जानकारी दी. इसके बाद आखिरी पलों में उनकी मौत की सजा टाल दी गई. लेकिन इंडोनेशिया के अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि फिलीपींस को अब यह साबित करना होगा कि वेलोसो कबूतरबाजी का शिकार हुई हैं.
30 साल की वेलोसो की कहानी बेहद उतार चढ़ाव भरी है. किशोरावस्था में शादी करने के बाद 2009 में वेलोसो दुबई गई. वहां वह एक घर में बाई का काम करने लगीं. परिवार के मुताबिक मालिक ने उसका बलात्कार करने की कोशिश की, जिसके बाद वेलोसो फिलीपींस लौट आईं.
घर का खर्च चलाने के लिए वेलोसो इंडोनेशिया में एक फिलीपीनी महिला के यहां बाई का काम करने लगी. वेलोसो और उनके परिवार का आरोप है कि ड्रग रैकेट चलाने वाली उस महिला ने उनके सूटकेस में ड्रग्स छुपाई. मंगलवार को वह महिला पुलिस के सामने आई और उसने ड्रग्स छुपाने की बात कबूल की. इसी के आधार पर वेलोसो की सजा टाली गई.
लेकिन बाकी आठ दोषी ऐसे भाग्यशाली नहीं रहे. अपने नागरिकों को बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और नाइजीरिया ने काफी कोशिशें कीं, लेकिन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोकोवी पर इनका असर नहीं पड़ा. लेकिन अब मौत की सजा के कूटनीतिक परिणाम दिखने लगे हैं. ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया ने इंडोनेशिया की आलोचना की है. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबट ने इंडोनेशिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है.
इंडोनेशिया में ड्रग्स एक बड़ी समस्या हैं. देश के नारकोटिक्स ब्यूरो के मुताबिक ड्रग्स के चलते हर दिन 33 लोगों की मौत होती है. राष्ट्रपति जोकोवी ने उम्मीद जताई है कि दूसरे देश उनकी समस्या को समझेंगे. जोकोवी को लगता है कि मौत की सजा का अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर असर कुछ समय के लिए ही होगा.
ओएसजे/आईबी (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)