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इंजीनियर रिहा, पर कलेक्टर नहीं छूटे

२४ फ़रवरी २०११

सात दिन से जारी मलकानगिरी बंधक संकट और उलझ गया है. माओवादियों ने जूनियर इंजीनियर को रिहा कर दिया है लेकिन कलेक्टर आरवी कृष्णा की रिहाई पर अनिश्चितता बनी हुई है. उन्होंने नई शर्तें लगा दी हैं.

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तस्वीर: AP

मंगलवार को हुए समझौते के तहत उड़ीसा सरकार ने माओवादियों की सभी 14 मांगें मान ली थीं जिसके बदले 48 घंटे में दोनों अफसरों की रिहाई होनी थी. लेकिन बुधवार रात को माओवादियों ने नई शर्तें पेश कर दीं. उन्होंने पांच बड़े नक्सली नेताओं की फौरन रिहाई की मांग की है.

माओवादियों का यह कदम मध्यस्थों के लिए भी हैरत भरा है क्योंकि उन्होंने मंगलवार को ही कह दिया था कि दोनों अफसर बहुत जल्द लौट आएंगे. उन्होंने अपील की है कि कृष्णा को गुरुवार शाम तक रिहा कर दिया जाए.

मलकानगिरी के कलेक्टर 30 साल के आरवी कृष्णा और जूनियर इंजीनियर पबित्र माझी को 16 फरवरी को मलकानगिरी से 150 किलोमीटर दूर चित्रकोंडा में अगवा किया गया.

मंगलवार को मानी गई मांगों के आधार पर नक्सली नेता गांती प्रसादम को उड़ीसा हाईकोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी. लेकिन अधिकारियों ने बताया कि अब माआवोदी पांच और नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं जिनमें एक प्रमुख नेता की पत्नी पद्मा भी शामिल हैं. इस बारे में जानकारी माझी के हाथ भेजे गए एक पत्र से मिली.

नई मांगों के आने के बाद मध्यस्थों प्रोफेसर जी हरगोपाल, माओवादी चिंतक वारावारा राव और नक्सली नेता गांती प्रसादम ने 24 घंटे के भीतर कृष्णा को रिहा करने की संयुक्त अपील की है. प्रोफेसर हरगोपाल ने कहा, "हम खुश हैं कि जूनियर इंजीनियर को रिहा कर दिया गया है लेकिन और मांगें मामले को उलझा देंगी क्योंकि कल उन्होंने दोनों बंधकों को 48 घंटे के भीतर रिहा करने का वादा किया था." उन्होंने बताया कि संयुक्त अपील को अंग्रेजी और तेलुगु में रेडियो से प्रसारित किया जा रहा है क्योंकि माओवादी नियमित रूप से रेडियो सुनते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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