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समाज

आलोचनाओं के घेरे में वाडा

४ जनवरी २०१९

विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) अपने एक फैसले की वजह से आलोचनाओं के घेरे में हैं. रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी पर से बैन हटाने के फैसले को आलोचकों का कहना है कि वाडा को फैसला बदलना पड़ेगा.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/EPA/L. Gillieron

समाज में नियम और कानून इसलिए होते हैं ताकि समाज में न्याय हो सके और सभी लोगों को एक समान अधिकार मिल सके. जो भी कानून को तोड़ता है उसको सजा मिलती है और वो सजा सिर्फ सहयोग और पछतावे से कम हो सकती है. पूरी दुनिया में यही कानून चलता है और विश्व रोधी एजेंसी (वाडा) भी यही कानून मानता है. वाडा मानता है कि वो दुनिया में साफ सुथरे और निष्पक्ष खेल की भावनाओं और मूल्यों को बचाने के लिए जिम्मेदार है और एक "निष्पक्ष, उद्देश्यपूर्ण, संतुलित और पारदर्शी" चौकीदार के रूप में काम करता है. इसी वजह से खेल की दुनिया के सबसे बड़े मूल्य "निष्पक्षता" के वो रखवाले हैं.

मगर क्या वो ये कर पा रहें हैं?

वाडा ने रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी (रुसाडा) को व्यवस्थित डोपिंग के मामले को छुपाने के लिए बैन कर दिया था. मगर चौंकाने की बात ये है कि इस बैन को कुछ शर्तो पर सितंबर में हटा दिया गया था. रूस ने वाडा की जांच को मानने से इनकार कर दिया था और वाडा को विवादास्पद मास्को एंटी-डोपिंग प्रयोगशाला के डाटाबेस भी नहीं देखने दिया था.

रुसाडा के पास पिछले साल के अंत तक का वक्त था वाडा की मदद करने के लिए. मगर ऐसा हो नहीं पाया जैसा कि सोचा गया था.

वाडा प्रमुख  क्रेग रीडी रूसियों के इस व्यवहार से निराश हैं और उनको खुद से भी निराश होना चाहिये. क्योंकि इसकी वजह से वाडा की साख पर सवाल उठ रहे हैं. रूस पर से बैन नहीं हटाना चाहिए था खासतौर पर तब जब रूस ने ना अपनी गलती मानी ना जांच में मदद की. मास्को की प्रयोगशाला से पता चलता कि रूस में संस्थागत डोपिंग किस हद तक फैली हुई हैं. हाफ हैं कि रूस यही जानकारी सालों से छुपाना चाहता था. इस कदम का गलत असर एथलीटों और विसल ब्लोअरों पर पड़ेगा. इस तरह के व्यवहार को ढील देना बहुत बड़ी गलती हैं.

अपने कानून को गंभीरता से लें

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/EPA/J. C. Bott

वाडा के इस कदम की चारों तरफ से आलोचना हो रही हैं. अमेरिका के डोपिंग रोधी प्रमुख ट्रैविस टायगार्ट का कहना हैं, ये "शर्मनाक" हैं. ट्रैविस टायगार्ट ने अमेरिकी पूर्व रेसिंग साइकिल चालक लैंस आर्मस्ट्रॉन्ग को डोपिंग के लिए बैन किया था. उनको मानना है कि वाडा को रूसियों के छलावे से बचना चाहिये. जर्मन ओलंपिक खेल परिसंघ के प्रमुख अल्फोंस होरमैन ने चेतावनी दी कि वाडा पर से विश्वास उठ जाऐगा.

जबकि द गार्जियन्स की मरीना हाइड ने लिखा कि रूस ने एक बार फिर से रीड को "मूर्ख बना कर छोड़ दिया हैं." आलोचकों का कहना हैं कि एक इतना बड़ा देश ऐसा कांड करते पकड़ा जाता है और वो भी जो खेल कि दुनिया का सबसे बड़ा कांड हैं और वाडा ने इसमे उदारता दिखाई. वाडा किसी बच्चे की तरह व्यवहार कर रहा हैं.

इस सबका बस एक हल है कि वाडा फिर से रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी रूसाडा को बैन कर और जब तक पूरी जांच खत्म ना हो जाए तब तक उनको बैन रखे. क्योंकि वाडा को इसीलिए बनाया गया है.

वेबर जॉश्का/एनआर