आरोग्य का राज छुपा है इनमें
मसाले और जड़ी बूटियां ना केवल हमारे रोजाना के भोजन को स्वाद देते हैं बल्कि हमें आरोग्य की ओर ले जाते हैं. और हम किसी बहुत खास या दुर्लभ मसाले की बात नहीं कह रहे, बल्कि यह तो आम रसोई में पाई जाने वाली चीजें हैं.
ब्लड प्रेशर के लिए लहसुन
स्वाद और गंध का खजाना लहसुन कई लोगों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होता. इसमें सल्फर वाला कंपाउंड एलिसिन पाया जाता है, जिसके कारण उसकी गंध इतनी तेज होती है. लहसुन बैक्टीरिया, फंगस और वायरस से लड़ने वाले गुण होते हैं. लहसुन खाने से शरीर में ब्लड प्रेशर नियमित रहता है. इससे थ्रॉम्बोसिस में भी मदद मिलती है, जिसके कारण रक्त नलिकाओं में खून के थक्के नहीं जमते.
जिद्दी खांसी के लिए थाइम
अपनी रसोई में अजवाइन हम सबने देखी होगी. थाइम असल में अजवाइन के फूल होते हैं. थाइम की करीब 200 किस्में पाई जाती हैं. थाइमस वलगैरिस सबसे आम किस्म है. यह झाड़ी जैसी पौधा होता है जिसकी तेज गंध और गुलाबी रंहृग के छोटे फूल होते हैं. इसमें पाए जाने वाले रोजमेरिनिक एसिड से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम होता है. सर्दी-खांसी में पारंपरिक रूप में इस्तेमाल होने वाला थाइम सभी कफ सीरप का अहम हिस्सा है.
पाचन तेज करने के लिए दालचीनी
दालचीनी पाचन की प्रक्रिया में मदद करता है. हालांकि इसमें कुमारिन नाम का एक नुकसानदायक तत्व भी पाया जाता है. प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले इस तत्व के कारण कुछ संवेदनशील लोगों के लीवर पर बुरा असर भी पड़ सकता है. दालचीनी की कुछ किस्में जैसे कि कासिया सिनेमन में यह तत्व ज्यादा होता है जबकि सिलोन सिनेमन में काफी कम.
दिमाग को ठंडा रखे केसर
थोड़ा महंगा लेकिन कारगर उपाय, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. कई स्टडीज दिखाती हैं केसर का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर इतना अच्छा असर होता है कि यह लोगों को डिप्रेशन (अवसाद) जैसी बीमारियों में भी मदद पहुंचा सकता है. रिसर्चरों ने पाया है कि केवल इसकी गंध भर लेने से ही महिलाओं को पीरियड्स के पहले होने वाली परेशानियों में राहत पहुंचती है.
पेट दर्द में अनीस
तस्वीर में दिख रही तारे के आकार वाली स्टार अनीस और मोटी सौंफ (अनीस) दोनों एक जैसे कुल के पौधे नहीं हैं, लेकिन समानता ये है कि दोनों में समान तरह के तेल पाए जाते हैं. इनसे मिलने वाले इसेंशियल ऑयल का सबसे अच्छा इस्तेमाल पाचन प्रक्रिया में एंटीप्लाज्मोडिक इफेक्ट यानि मांसपेशियों को रिलैक्स करने में होता है. इनमें सूजन कम करने का गुण भी होता है.
सूजन में अदरक
कुछ लोग अदरक बहुत पसंद करते हैं तो कुछ इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. लेकिन शायद ही कोई हो जो इसके स्वास्थ्य लाभों को ना मानता हो. इसकी जड़ का इस्तेमाल जुकाम में किया जाता है. गठिया और जोड़ों की अन्य बीमारियों के इलाज में प्राचीन चीनी और आयुर्वेदिक चिकित्सा में सूजन को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल होता आया है. इसमें दर्द दूर करने वाला तेल और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं.
और बाकी सब के लिए हल्दी
पारंपरिक रूप से हमारी रसोई का अहम हिस्सा रही हल्दी की गांठ को पाउडर रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके तीन अहम स्वास्थ्य लाभ बताए जाते हैं - कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करना, एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव और सूजन घटाना. मस्तिष्क में उम्र के साथ आने वाले बदलावों को धीमा करने के कारण इससे अल्जाइमर्स का खतरा भी कम किया जा सकता है. (यूलिया वेर्जिन/आरपी)