आरूषि केस की रिपोर्ट डॉ तलवार को देने का आदेश
७ जनवरी २०११सीबीआई ने दलील दी कि आरूषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड में तलवार दंपत्ति संदिग्ध हैं और ऐसे में उन्हें मामले की आखिरी रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकती. लेकिन अदालत ने आखिरी रिपोर्ट डॉ तलवार को दिए जाने का आदेश दिया है. हत्या की वजह साबित न कर पाने और हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार बरामद न कर पाने के चलते सीबीआई ने मामले में आखिरी रिपोर्ट दाखिल कर दी थी.
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए विशेष जज प्रीति सिंह ने आरूषि के माता-पिता की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने दोहरे हत्याकांड केस को बंद न करने का अनुरोध किया. सीबीआई ने कुछ दिन पहले आरूषि-हेमराज हत्या मामले को आगे बढ़ता न देख केस की आखिरी रिपोर्ट दाखिल कर दी थी जिसके बाद से ही सीबीआई आलोचना के दायरे में आ गई.
29 दिसंबर को दायर क्लोजर रिपोर्ट में तीन संदिग्धों, राजकुमार, कृष्णा और विजय मंडल को आरोपों से बरी कर दिया गया. हालांकि सीबीआई ने रिपोर्ट में साफ किया है कि इस केस में डॉ राजेश तलवार की भूमिका संदेह के दायरे में है लेकिन पर्याप्त सबूत न होने के चलते उनके खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं की जा सकती.
आरूषि के माता-पिता, नुपूर तलवार और राजेश तलवार ने केस बंद करने के सीबीआई के फैसले का विरोध करते हुए याचिका दायर की लेकिन अदालत ने साफ कर दिया कि फिलहाल इस याचिका पर कानूनी कार्रवाई करना संभव नहीं है. अदालत ने तलवार दंपत्ति को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है.
14 साल की आरूषि और उनके घर में काम करने वाले हेमराज की 15 मई, 2008 की रात नोएडा में हत्या कर दी गई. पहले दोहरे हत्याकांड की जांच यूपी पुलिस ने की जिसमें डॉ तलवार पर हत्या का आरोप लगा लेकिन बाद में आलोचना के चलते मामला सीबीआई को सौंप दिया गया. दो साल तक जांच के बावजूद सीबीआई हत्या की वजह और हत्यारे का पता लगा पाने में नाकाम रही.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह