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आमिर रिहा, पर क्या मैदान पर लौट सकेंगे

२ फ़रवरी २०१२

स्पॉट फिक्सिंग में जेल भेजे गए तीन पाकिस्तानी क्रिकेटरों में सबसे कम उम्र के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर रिहा हो गए. उनकी छह महीने की सजा में से आधी माफ कर दी गई है. बड़ा सवाल है कि अब वो करेंगे क्या.

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आमिर का क्या होगातस्वीर: AP

अच्छे व्यवहार के कारण उनकी आधी सजा तो माफ कर दी गई लेकिन क्रिकेट खेलने पर लगा आईसीसी का प्रतिबंध अभी भी कायम है. आईसीसी उनकी कम उम्र और पहली गलती को देखते हुए अगर उनकी सजा माफ या कम करने के बारे में सोचे तभी कुछ हो सकता है. क्योंकि पांच साल तक क्रिकेट के मैदान से बाहर रहने के बाद उनकी प्रतिभा बची रह पाएगी, यह कह पाना मुश्किल है. आमिर के सलाहकार आसिफ बाजवा ने आमिर की रिहाई के बाद पत्रकारों से कहा, "अब जब उन्होंने सजा भुगत ली है, तो मुझे उम्मीद है कि आईसीसी भी लंबे समय के लिए उनके निलंबन पर दोबारा विचार करेगी."

खेल की अदालत से आस

वैसे आमिर के पास एक विकल्प खेल की अंतरराष्ट्रीय अदालत में जाने का भी है. यहां वो अपील दायर कर आईसीसी के फैसले पर विचार करने की मांग कर सकते हैं. स्विट्जरलैंड की अंतरराष्ट्रीय अदालत चाहे तो उनकी याचिका पर सुनवाई कर यह देख सकती है कि आईसीसी ने उन्हें उचित सजा दी है या नहीं. अंतरराष्ट्रीय अदालत से अगर उन्हें कुछ छूट या माफी मिल जाए तो फिर पांच साल से पहले ही उनके क्रिकेट मैदान पर वापसी की उम्मीद की जा सकती है.

आसिफ बाजवा ने कहा,"आमिर काफी उत्साह में हैं और वो अपने वकीलों से मुलाकात कर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में आईसीसी के फैसले को चुनौती देने का मन बना रहे हैं."

आमिर का बयान

दक्षिण पश्चिमी इंग्लैंड के वेमाउथ बाल सुधार गृह से रिहा होने के बाद मोहम्मद आमिर ने बयान जारी किया है. लेकिन इसमें सिर्फ मैच फिक्सिंग के बाद पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की पहली कामयाबी का ही जिक्र है. आमिर ने कहा है, "मैं पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के लिए बहुत खुश हूं. मैं मन से उनके साथ हूं. मैं उनके सफलता की कामना करता हूं. मैं फिलहाल और कुछ नहीं कहना चाहता."

महज 14 टेस्ट मैच खेल कर 50 विकेट लेने वाले मोहम्मद आमिर ने दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के दिल में अपने लिए वो जगह बना ली जिसके लिए खिलाड़ियों को बहुत संघर्ष करना पड़ता है. अपनी धारदार गेंदबाजी से आमिर पाकिस्तान के सर्वकालिक बेहतरीन गेंदबाजों में से एक वसीम अकरम की जमात में शामिल हो गए थे. मैच फिक्सिंग में उनका नाम आना लोगों को हैरान कर गया. हर किसी के लिए यह मानना मुश्किल हो रहा है था कि महज 18 साल का यह बच्चा जो अभी क्रिकेट की ऊंचाइयों की ओर छलांगे मार रहा है अचानक से ऐसी दलदल में घुस गया है जहां से निकल पाना शायद जीवन भर संभव न हो पाए.

अदालत भी नरम

उन्हें सजा सुनाते वक्त लंदन के साउथवार्क क्राउन कोर्ट के जज जेरेमी कुक ने भी कहा, "तुम बाकी खिलाड़ियों की तुलना में गंवार, अशिक्षित और असानी से फंसाए जा सकने वाले हो. तुम बस 18 साल के हो और तुम्हें दूसरे लोगों ने फंसा लिया है. मै जानता हूं कि तुम अपने कप्तान की तुलना में कम दोषी हो."

आमिर ने पिछले साल लंदन के साउथवार्क क्राउन कोर्ट में अपनी गलती मान ली थी. इसी मामले में पाकिस्तान के दो और क्रिकेटर सलमान बट और गेंदबाज मोहम्मद आसिफ अभी भी जेल की सजा काट रहे हैं. बट को ढाई साल और आसिफ को डेढ़ साल की सजा मिली है. इन लोगों ने सट्टेबाजों के कहने पर मैच में तय समय के दौरान नो बॉल फेंके. इन खिलाड़ियों के एजेंट मजहर मजीद को दो साल आठ महीने की सजा मिली जिसने डेढ़ लाख ब्रिटिश पाउंड लेकर यह भरोसा दिया कि खिलाड़ी सट्टेबाजों की मदद करेंगे. इस मामले में मजीद और बट पर मिल कर सट्टेबाजों के साथ साजिश रचने का आरोप है.

रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स/एन रंजन

संपादनः ए जमाल

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