आतंकवाद के आरोपों का सामना करेगा संघ: भागवत
११ नवम्बर २०१०लखनऊ में धरने को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, "संघ को बेवजह विवादों में घसीटने की नए सिरे से कोशिश हो रही हैं. दिल्ली में वे लोग संघ को बलि का बकरा बनाने पर तुले हैं जिन्हें सत्ता से हटने का डर सता रहा है. लेकिन संघ बताना चाहता है कि सच्चाई क्या है. हम कोर्ट में इसका मुकाबला करेंगे. अपने रुख को लोगों तक पहुंचाएंगे और वास्तविकता बयान करेंगे." आतंकवाद में शामिल होने के आरोपों के खिलाफ संघ कार्यकर्ताओं ने देश भर में धरने प्रदर्शन का आयोजन किया.
अजमेर विस्फोट मामले में संघ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार के खिलाफ आरोप लगे हैं जिन्हें बेबुनियाद बताते हुए मोहन भागवत आरएसएस का बचाव कर रहे थे. कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए भागवत ने कहा कि जो लोग संघ को बदनाम करने की कोशिश जारी रखेंगे उन्हें सबक सिखाया जाएगा. भागवत के मुताबिक धरने को आयोजित करना संघ की कार्यसंस्कृति से मेल नहीं खाता.
"संघ के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सरसंघचालक ने न सिर्फ धरने में हिस्सा लिया बल्कि सभा को संबोधित किया. ऐसा इसलिए क्योंकि संघ को आतंकवादी संगठन साबित करने की कोशिशें हो रही हैं."
इंद्रेश कुमार के बचाव में आते हुए भागवत ने कहा कि उन पर विस्फोट में शामिल होने का आरोप लगाना सरासर झूठ है. "जो लोग विस्फोट में शामिल हैं वे या तो आरएसएस के सदस्य नहीं हैं या फिर उन्हें संघ से हिंसक गतिविधियों के कारण निकाल दिया गया था."
भागवत का कहना है कि कुछ लोगों ने पहले हिंदु आतंकवाद की बात शुरू की लेकिन फिर इसके परिणामों को भांपकर उन्होंने इसे भगवा आतंकवाद का नाम दिया गया. भागवत के मुताबिक इंद्रेश के खिलाफ अब तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है और आरोपियों में उनका नाम तक नहीं है. भागवत का दावा है कि हर कोई जानता है कि इंद्रेश को बेवजह मामले में घसीटा जा रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य