आग उगलने वाला पहाड़
चार साल हुए जब यूरोप में आइसलैंड के ज्वालामुखी ने हवाई यातायात को रोक दिया था. अब फिर से आइसलैंड का बॉर्दारबुंगा का ज्वालामुखी उबल रहा है.
ग्लेशियर में ज्वालामुखी
आइसलैंड के इस ज्वालामुखी को खतरे की ऑरेंज यानी दूसरी सबसे खतरनाक श्रेणी में रखा गया है. वातनायोकुट नाम के ग्लेशियर में ये बहुत अच्छे से छिपा हुआ है. लेकिन मौसम विशेषज्ञों ने पिछले दिनों में 2,500 भूकंप के झटके महसूस किए हैं और मैग्मा की हलचल भी.
याद आई मुश्किल
चार साल पहले ही आइसलैंड का ज्वालामुखी आयाफ्यात्लायोकुत फटा. जितना इसका नाम मुश्किल है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल इसने यूरोपीय हवाई यातायात में की. इससे निकला गुबार इतना ऊपर गया कि विमानों का यहां से गुजरना मुश्किल हो गया था. नुकसान 1.7 अरब डॉलर.
प्राकृतिक प्रक्रिया या आपदा?
दुनिया भर में कम से कम 500 से 600 ज्वालामुखी सक्रिय हैं. हर साल इनमें से करीब 50 सक्रिय हो जाते हैं. वैसे तो ज्वालामुखी का फटना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. लेकिन आस पास बसी इंसानी आबादी के लिए ज्वालामुखी विस्फोट प्राकृतिक आपदा बन जाता है.
लावे से हरियाली
भयानक विस्फोट के थोड़े ही समय बाद जीवन शुरू हो जाता है. पौधे निकल आते हैं और ज्वालामुखी के तले फिर से इंसान अपना घर बना लेता है, खतरे के बावजूद. सब जानते हैं कि ज्वालामुखी के कारण धरती बहुत ही उपजाऊ हो जाती है.
ज्वालामुखी का विज्ञान
धरती के भीतर 5,000 डिग्री से ज्यादा का तापमान होता है. इस ताप के कारण वहां मौजूद ज्यादातर चीजें पिघल जाती हैं, इसे मैग्मा कहा जाता है. दबाव के कारण ये तरल ऊपर की ओर रास्ता बनाता है. जब मैग्मा धरती से बाहर फूटता है तो लावा बन जाता है और इसे ज्वालामुखी विस्फोट कहा जाता हैं.
सबसे बड़ा ज्वालामुखी द्वीप
आइसलैंड दुनिया का इकलौता ऐसा द्वीपीय देश है जहां के 1,03,000 वर्ग किलोमीटर के इलाके में 30 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं. अप्रैल 2010 में फूटा आयाफ्यात्लायोकुत और मई 2011 का ग्रीमश्वोहत यहां का सबसे मशहूर ज्वालामुखी है.
सबसे सक्रिय ज्वालामुखी
दुनिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी हवाई का किलाउवेया है. इससे सबसे ज्यादा मैग्मा निकलता है लेकिन ये विस्फोटक नहीं है. हवाई की भाषा में किलाउवेया का मतलब है थूकना या फैलाना. यहां लावा विस्फोट के साथ बाहर नहीं निकलता बल्कि मुहाने से नीचे बहता रहता है. तीन जनवरी 1983 को जो लावा निकलना शुरू हुआ, वो अभी तक निकल रहा है.
सबसे बड़ा ज्वालामुखी
सबसे बड़ा ज्वालामुखी भी हवाई में ही है, नाम है मारुना लोआ. इसकी ऊंचाई 4169 मीटर है. इसकी ऊंचाई अगर समंदर की सतह से आंकी जाए तो यह 10,000 मीटर है. आखिरी बार यह 25 मार्च 1984 को फूटा था.
सबसे ऊंचा फव्वारा
सबसे विस्फोटक ज्वालामुखी जापान का इजु ओशिमा है. 1986 में इसमें विस्फोट हुआ था जिससे 1,600 मीटर की ऊंचाई तक लावा का फव्वारा निकला. यह अब तक का सबसे ज्यादा है.