आखिरी वोटिंग के साथ मतगणना की तैयारियां शुरू
१९ मई २०१९बनारस के एक होटल में काम करने वाले पंकज तिवारी रात की ड्यूटी खत्म करने के बाद करीब 120 किलोमीटर लंबी यात्रा पर निकल पड़े हैं. वह उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे बिहार के सासाराम इलाके से आते हैं. रविवार को तिवारी वोट देने सासाराम जा रहे हैं, मतदान के बाद वह वापस बनारस लौटेंगे और फिर रात की ड्यूटी करेंगे. कुछ ऐसा ही उत्साह बनारस के बाकी वोटरों में दिखता है. सुबह मतदान शुरू होने के साथ ही अच्छी खासी संख्या में मतदाता पोलिंग स्टेशनों तक पहुंचने लगे. निर्वाचन आयोग ने कुछ पोलिंग स्टेशनों को मॉडल स्टेशन भी बनाया है, जहां मतदाताओं के लिए वोटिंग के बाद जलपान की व्यवस्था भी की गई है.
लोग, नेता और प्रशासनिक अधिकारी भी चाहते हैं कि बस चुनाव पूरा हो जाए. छह अप्रैल से जारी मतदान की प्रक्रिया की थकान अब दिखने लगी है. 19 मई को आखिरी चरण के मतदान में उत्तर प्रदेश की 13, बिहार की आठ, झारखंड की तीन, मध्य प्रदेश की आठ, हिमाचल प्रदेश की सभी चार, पंजाब की 13 और पश्चिम बंगाल की नौ सीटों के लिए वोट डल रहे हैं. इसी चरण में चंडीगढ़ की एक मात्र सीट के लिए मतदान हो रहा है.
आखिरी चरण के मतदान में 918 उम्मीवारों की किस्मत का फैसला होगा. इस दौरान ज्यादातर लोगों की निगाहें वाराणसी पर लगी हैं, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं. 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी 5,81,022 वोटों के साथ सबसे आगे रहे. उस वक्त दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल थे. उन्हें 2,09,238 वोट मिले थे. इस बार दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल चुनाव मैदान में नहीं हैं.
वाराणसी में मुकाबला एकतरफा बताया जा रहा है. बनारस में मोदी का सामना कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय, एसपी-बीएसपी गठबंधन की उम्मीदवार शालिनी यादव से है. अपराध जगत से गहरा नाता रखने वाले अतीक अहमद भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.
2014 के चुनावों में बीजेपी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की सभी 13 सीटें जीती थीं. 12 में बीजेपी के उम्मीदवार जीते जबकि मिर्जापुर सीट बीजेपी के सहयोगी दल ने जीती. लेकिन इस बार 13 में से पांच सीटों पर मुकाबला कड़ा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ मानी जाने वाली गोरखपुर सीट फंसी हुई है. बीजेपी 1989 से यह सीट जीतती आई है, लेकिन 2018 के उपचुनावों में इस सीट पर बीजेपी की हार हुई.
इस बीच चुनाव आयोग ने 23 मई को होने वाली मतगणना की तैयारियां शुरू कर दी हैं. 90 फीसदी लोकसभा सीटों के लिए बनाए गए मतगणना केंद्रों को सीधे चुनाव आयोग की वेबसाइट से जोड़ दिया गया है. आखिरी चरण की वोटिंग पूरी होने के बाद सभी सीटों के मतगणना केंद्रों को इससे जोड़ दिया जाएगा. काउटिंग के दौरान असिस्टेंट रिटर्निंग अफसर सीधे अपने काउंटिंग स्टेशन से चुनाव आयोग की वेबसाइट पर रिजल्ट अपलोड करेंगे.
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