आईएस ने हैक किए 11 फ्रेंच टीवी चैनल
१० अप्रैल २०१५कट्टरवादी संगठनों का मीडिया पर हुआ यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है. गुरुवार को फ्रांस के टीवी5 मोंडे के चैनलों का नियंत्रण हैकरों ने अपने हाथ में ले लिया और शाम को जाकर ही प्रसारण दोबारा शुरु हो सका. आतंकरोधी अभियोजन पक्ष इस मामले की विस्तार से जांच में लगा है कि हैकिंग हमला किस तरह से किया गया. फ्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्री बेर्नार्ड काजेनॉएव ने अभी बस इतना खुलासा किया है कि यह हमला एक संभवतः आतंकी कार्यवाई है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेन्स में कहा कि फ्रांस " उनको दबोचने के लिए पूरी तरह दृढ़प्रतिज्ञ है जो उसके दिल पर वार कर रहे हैं."
फ्रांस की नेशनल एजेंसी फॉर कंप्यूटर सिस्टम्स सिक्योरिटी ने एक बयान जारी कर बताया है कि दर्जनों तकनीकी विशेषज्ञ कई घंटों तक मेहनत कर मीडिया चैनल को वापस काम पर लाए, लेकिन इस प्रक्रिया में उन्होंने "अतिक्रमण के सबूतों को नहीं मिटाया जो कि मामले की जांच के लिए बेशकीमत हैं."
हैक किए जाने के बाद टीवी5 मोंडे की वेबसाइट पर दिखाई दे रहे संदेश के एक हिस्से में लिखा था, "मैं आईएस हूं". इसके अलावा पेज पर खुद को 'साइबर खलीफात' कहने वाले एक समूह का बैनर भी था. इस समूह ने बीते साल के अंत से ही कई अमेरिकी मीडिया संगठनों को भी निशाना बनाया है. अब तक इनके आईएस के साथ संबंधों की पुष्टि नहीं का जा सकी है.
इस्लामिक स्टेट संगठन ने फ्रांस को निशाने पर रखा है क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों के साथ कट्टरपंथियों के सफाए के लिए लड़ रहा है. कुछ समय पहले सामने आए एक यूट्यूब वीडियो में फ्रेंच भाषा बोलने वाले आईएस लड़ाकों ने अपने देशवासियों से सीरिया और इराक जाकर आतंकवादियों का साथ देने की अपील जारी की थी.
कई विशेषज्ञों का मानना है कि कि किसी ग्लोबल टीवी चैनल को पूरी तरह ब्लैक आउट करने की क्षमता के साथ ही अब आतंकी गुट एक अलग ही मुकाम पर पहुंच गए हैं. टीवी5 मोंडे की स्थापना फ्रांस सरकार ने 1984 में की थी और चैनल खुद को "विश्वव्यापी फ्रेंच कल्चर चैनल" कहता है. इस पर समाचारों के अलावा फ्रांस, बेल्जियम, स्विट्जरलैंड और कनाडा में बने कई कार्यक्रम भी दिखाए जाते हैं.
फ्रांस अभी तक जनवरी में अपनी व्यंग्य पत्रिका शार्ली ऐब्दॉ के दफ्तर और यहूदी सुपरमार्केट पर हुए जानलेवा आतंकी हमले के सदमे में है. अधिकारियों ने बताया कि तबसे हैकरों ने कम से कम 19,000 फ्रेंच वेबसाइटों पर हमले की कोशिशें की हैं. 2005 में अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनल सीएनएन के न्यूयॉर्क कार्यालय पर भी जोटॉब वर्म नाम के वायरस का हमला हुआ था, जिससे प्रोग्रामिंग प्रभावित हुई थी.
आरआर/एमजे (एपी)