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असांज के प्रत्यर्पण पर लंदन में सुनवाई

७ फ़रवरी २०११

ब्रिटेन की एक अदालत आज से विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज के प्रत्यर्पण की स्वीडन की मांग पर सुनवाई शुरू कर रही है. स्वीडन की सरकार ने यौन अपराधों के आरोप में असांज के प्रत्यर्पण की मांग की है.

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तस्वीर: dapd

असांज के प्रत्यर्पण पर दो दिन तक चलने वाली सुनवाई आज से लंदन के बेलमार्श मजिस्ट्रेट के कोर्ट में शुरू हो रही है. यहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अगर जज हॉवर्ड रिडले सुनवाई के दौरान इस बात से सहमत हो जाते हैं कि असांज के प्रत्यर्पण से मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा, साथ ही ऐसा करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है तो कोर्ट उनके प्रत्यर्पण का आदेश दे देगा.

कोर्ट के आदेश देने के बाद असांज के पास इसके खिलाफ अपील करने के लिए सात दिन का वक्त होगा. लंदन के हाईकोर्ट में अपील की प्रक्रिया 40 दिन के भीतर शुरू हो जानी चाहिए हालांकि कोर्ट इस समय को न्याय के हक में बढ़ा सकती है.

NO FLASH Julian Assange London Gericht Wikileaks
तस्वीर: picture alliance/dpa

अगर हाईकोर्ट भी प्रत्यर्पण के आदेश पर मुहर लगा देता है तो फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जा सकता है. अगर यहां से भी असांज को राहत नहीं मिल सकी तो फिर उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 10 दिन के भीतर स्वीडन भेज दिया जाएगा.

असांज को ब्रिटेन की पुलिस ने 7 दिसंबर को गिरफ्तार किया. उनके खिलाफ स्वीडन की तरफ से गिरफ्तारी के लिए यूरोपीय वारंट जारी किया गया था. ये वारंट विकीलीक्स के दो वोलंटियरों की शिकायत पर जारी किया गया. सात दिन हिरासत में रहने के बाद 14 तारीख को कड़ी शर्तों के साथ 2 लाख पाउंड के बॉन्ड पर उन्हें जमानत दे दी गई. स्वीडेन के अभियोजकों ने इस फैसले के खिलाफ अपील की और उन्हें जेल में ही रखा गया. हालांकि दो दिन बाद लंदन हाईकोर्ट ने उन्हें रिहा करने के आदेश दिए. जमानत की शर्तों के मुताबिक उन्हें पूर्वी इंग्लैंड के 18 सेंचुरी मेन्सन में रहना होता है. रोजाना पुलिस को रिपोर्ट करने के साथ ही उन्हें एक इलेक्ट्रॉनिक टैग भी पहनना पड़ता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः महेश झा

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