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अमेरिकी सांसदों ने पाक को मदद रोकने की धमकी दी

९ फ़रवरी २०११

अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान को अपने नागरिक को रिहा न किए जाने की सूरत में मदद रोकने की धमकी दी है. अमेरिकी सरकार का कर्मचारी रेमंड डेविस कत्ल के इल्जाम में पकड़ा गया. पाकिस्तान सरकार पर उसे रिहा न करने का घरेलू दबाव है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

अमेरिका पहले ही पाकिस्तान को उच्च स्तरीय संपर्क खत्म करने की धमकी दे चुका है. रेमंड डेविस ने पिछले महीने लाहौर में दो लोगों की गोली मारकर जान ले ली. डेविस का कहना है कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई. इस मामले में पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए तीन अमेरिकी सांसद पाकिस्तान की यात्रा पर गए थे. उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को कहा कि अमेरिकी कांग्रेस अपने बजट पर काम कर रही है और मदद कम करने के मौके तलाश रही है.

अमेरिका लौटने पर मिनेसोटा से रिपब्लिकन सांसद जॉन क्लाइन ने कहा, "यह बहुत जरूरी है कि वे उसे रिहा कर दें. अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके गंभीर नतीजे होंगे. यह बहुत संभव है कि कांग्रेस का कोई सांसद आगे आए और पाकिस्तान की मदद रोकने का प्रस्ताव पेश करे."

डेविस को 27 जनवरी को गिरफ्तार किया गया. उस पर दो लोगों की हत्या का आरोप है. उसका कहना है कि दो लोग उसे लूटने की कोशिश कर रहे थे इसलिए उसने गोली चलाई. इसी घटना में एक और पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई. वह डेविस की मदद के लिए आई गाड़ी के नीचे आ गया.

इस घटना के बाद पाकिस्तान में अमेरिका विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए. मारे गए लोगों में से एक की पत्नी शुमायला फहीम ने रविवार को खुदकुशी कर ली. इसके बाद तो पाकिस्तान सरकार पर अमेरिकी नागरिक को रिहा न करने का दबाव बढ़ गया है.

इस मामले को ज्यादातर जानकार पाकिस्तान और अमेरिका के आमतौर पर गाढ़े दिखते संबंधों की असलियत बयान करने वाला बता रहे हैं. अटलांटिक काउंसिल में साउथ एशिया सेंटर के विशेषज्ञ शुजा नवाज कहते हैं, "यह मामला अमेरिका पाक संबंधों के स्याह हिस्से को दिखाता है. इस कहानी की बहुत सारी परतें हैं जो एक दूसरे पर शक पैदा करती हैं."

इस घटना का असर इतना ज्यादा हुआ है कि जर्मनी के म्यूनिख में एक सम्मेलन के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मिलने से ही इनकार कर दिया. हालांकि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध रोकने की बात को गलत बताया है लेकिन एक राजनयिक के मुताबिक अगर पाकिस्तान जल्दी कार्रवाई नहीं करता है तो बात ऊंचे स्तर पर भी पहुंच सकती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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