अमेरिका ने एनएसजी में भारत का समर्थन किया
७ जून २०१६स्विट्जरलैंड से सीधे मैरीलैंड के एंड्रूज एयरफोर्स बेस पर लैंड करने के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा शुरू हुई. माना जा रहा है कि अगले दो दिन में विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच कई बड़े समझौते होगें.
भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान ही अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन्जामिन रोड्स ने कहा, "भारत के साथ नागरिक परमाणु समझौता करने के बाद और परमाणु सुरक्षा को लेकर भारत के साथ सहयोग करने पर बहुत ज्यादा समय लगाने के बाद" हम भारत की एनएसजी में सदस्यता का समर्थन करेंगे. फिलहाल चीन भारत की सदस्यता का विरोध कर रहा है. सोमवार को स्विट्जरलैंड ने भी नई दिल्ली की सदस्यता का समर्थन किया.
समीक्षकों का मनना है कि जनवरी में राष्ट्रपति पद छोड़ने से पहले ओबामा भारत के साथ रिश्ते और गहरे करना चाहते हैं. अमेरिका की दोनों अहम राजनैतिक पार्टियों में भी इस पर कोई मतभेद नहीं है. व्हाइट हाउस में ओबामा और मोदी का लंच इसी कड़ी का हिस्सा है.
भारत और अमेरिका के बीच फिलहाल 120 अरब डॉलर का आपसी कारोबार है. वॉशिंगटन इसे 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहता है.
बुधवार को मोदी अमेरिकी संसद, कांग्रेस के संयुक्त सदन को संबोधित करेंगे. वह ऐसा करने वाले पांचवें भारतीय प्रधानमंत्री होंगे. इसके बाद मोदी के सम्मान में एक रिसेप्शन रखा गया है. भारतीय प्रधानमंत्री अमेरिकी कारोबारियों और वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे. अमेरिका में 30 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं.
नरेंद्र मोदी फिलहाल पांच देशों की यात्रा पर हैं. अफगानिस्तान, कतर और स्विट्जरलैंड के बाद वह अमेरिका पहुंचे हैं. अमेरिका से वे मेक्सिको जाएंगे.